Property Ownership Rules: क्या संपत्ति 12 साल बाद किरायेदार बन जाती है? मकान मालिक करे यह काम, नहीं तो

Samachar Jagat | Tuesday, 18 Apr 2023 01:44:03 PM
Property Ownership Rules: Does the property become the tenant’s after 12 years? Landlord must do this work, otherwise

संपत्ति का स्वामित्व 12 साल का नियम: क्या किरायेदार 12 साल बाद संपत्ति का कब्जा ले सकता है? कानूनी जानकारों के मुताबिक, भारत के संपत्ति कानून में ऐसा प्रावधान है, जिसका इस्तेमाल कर किरायेदार मकान मालिक की संपत्ति पर कब्जा कर सकता है. ऐसे में जमींदारों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।


क्या संपत्ति 12 साल बाद किरायेदार बन जाती है: आय के बेहतर स्रोत के रूप में घर किराए पर लेना शुरू से ही अच्छा माना जाता है। इससे जहां परिवार की आमदनी बढ़ती है वहीं घर का रखरखाव भी आसानी से हो जाता है। लेकिन कई बार छोटी सी गलती भी बहुत भारी पड़ जाती है और व्यक्ति को अपने घर से हाथ धोना पड़ता है. आज हम आपको कुछ ऐसे ही कानूनी प्रावधानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको विस्तार से जानना चाहिए।

प्रतिकूल कब्जे का कानून खतरनाक है

दरअसल भारत में 'प्रतिकूल कब्जा नियम' का कानून अंग्रेजों के जमाने से ही चला आ रहा है। इस कानून के तहत अगर किसी किराएदार या किसी अन्य व्यक्ति का 12 साल से लगातार किसी और की संपत्ति पर कब्जा है तो उसे उसका मालिक घोषित किया जा सकता है. ऐसे में मूल मकान मालिक उस इमारत पर से अपना अधिकार हमेशा के लिए खो सकता है।

12 साल बाद किराएदार को मिला घर?

इस कानून के तहत अगर किसी संपत्ति पर शांतिपूर्वक कब्जा कर लिया गया है (संपत्ति का स्वामित्व 12 साल का नियम) और यह मूल जमींदार को भी पता है, लेकिन वह उस कब्जे से छुटकारा पाने के लिए कोई कानूनी पहल नहीं करता है, तो 12 साल बाद काश्तकार उस भूमि का वास्तविक स्वामी होने का दावा कर सकता है। हालांकि इसके लिए उसे कई शर्तें भी पूरी करनी पड़ती हैं। जिसमें 12 साल तक बिना किसी रुकावट के उस घर में रहना, हाउस टैक्स की रसीद, बिजली और पानी के बिल अपने नाम से दिखाना शामिल है। इसके साथ ही गवाहों के हलफनामे भी जरूरी होते हैं।

जमींदारों को सावधान रहने की जरूरत है

कानूनी जानकारों का कहना है कि जमींदारों को अपनी संपत्ति (Property Ownership 12 Years Rule) को अवैध कब्जे से बचाने के लिए बेहद सावधानी बरतनी चाहिए. पहली बात तो यह है कि किसी भी व्यक्ति को मकान किराए पर देते समय 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहिए. जब वह अनुबन्ध समाप्त हो जाए तो एक मास का अन्तराल देकर पुनः 11 मास का अनुबन्ध करना चाहिए। ऐसा करने को संपत्ति के निरंतर कब्जे में एक ब्रेक के रूप में माना जाएगा। दूसरा तरीका यह है कि आप समय-समय पर अपने किरायेदारों को बदल भी सकते हैं।

ढिलाई के कारण आपको संपत्ति का नुकसान हो सकता है

यदि आप कहीं दूर रहते हैं तो आपको अपनी संपत्ति (संपत्ति स्वामित्व 12 वर्ष नियम) में दो महीने में एक बार जाकर देखना चाहिए कि कहीं कोई अवैध अतिक्रमण तो नहीं हुआ है। यदि आपकी संपत्ति में कोई अवैध रूप से रह रहा है तो उसे तुरंत बाहर निकालने के लिए पुलिस-प्रशासन में शिकायत करनी चाहिए। अगर आप इस काम में ढिलाई बरतते हैं तो आप अपनी संपत्ति से हाथ धो सकते हैं, जो आपके लिए नुकसान ही हो सकता है।



 


Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.