Property Right: नया अपडेट! पिता ने बेटों को दी है संपत्ति, क्या अब भी बेटी कर सकती है दावा? अधिकार जानो

Samachar Jagat | Friday, 12 May 2023 01:59:59 PM
Property Right: New Update! Father has given property to sons, can daughter still claim it? know rights

नयी दिल्ली। यदि कोई व्यक्ति बिना वसीयत लिखे मर जाता है, तो संपत्ति को लेकर वारिसों के बीच अक्सर कानूनी लड़ाई देखी जाती है। कई बार व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी वसीयत तैयार करता है, लेकिन उसके बाद भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।


संपत्ति को लेकर स्पष्ट कानून हैं, जिनके मुताबिक यह तय होता है कि कौन किस संपत्ति का हकदार है और कौन नहीं। लेकिन इसके बावजूद कई बार लड़कियों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। अगर ऐसा होता है तो आप कानून का रास्ता अपनाकर अपने अधिकार वापस पा सकते हैं।

वर्ष 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में संशोधन करके बेटियों को पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा पाने का कानूनी अधिकार दिया गया है। यह कानून 1956 में संपत्ति पर दावे और अधिकारों के प्रावधानों के लिए बनाया गया था। इसके अनुसार पिता की संपत्ति पर पुत्री का भी उतना ही अधिकार है जितना पुत्र का। आज हम आपको बताएंगे कि बेटियां पिता की संपत्ति पर कब दावा कर सकती हैं।

यदि पुत्र अपने पिता की संपत्ति अपने पुत्रों के नाम पर स्थानांतरित करता है, यदि पिता जीवित है और उसने अपनी अर्जित संपत्ति पोते को हस्तांतरित की है, तो बेटियों का उस पर कोई दावा नहीं है। यदि पिता की मृत्यु हो गई है और संपत्ति वसीयत के माध्यम से हस्तांतरित की गई है, तो बेटी वैध कारणों के आधार पर उस वसीयत को अदालत में चुनौती दे सकती है। लेकिन अगर वसीयत लिखे बिना पिता की मृत्यु हो जाती है, तो बेटियों का मृतक की संपत्ति में समान अधिकार होता है और वे इसे अदालत में दावा कर सकती हैं।

जब पत्नी संपत्ति के लिए वसीयत नहीं लिख सकती

बता दें कि ए एक हिंदू व्यक्ति है, जो बिना वसीयत के मर गया और उपहार विलेख संपत्ति उसकी अपनी संपत्ति थी। ऐसे में पत्नी उस संपत्ति के लिए वसीयत नहीं लिख सकती है। यदि वह बिना वसीयत के मर जाता है, तो हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत, प्रथम श्रेणी के सभी उत्तराधिकारियों का संपत्ति में समान हिस्सा होगा। प्रथम श्रेणी के वारिसों में मृतक की पत्नी, बच्चे और मां शामिल होंगे।

जब पिता की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती बेटी

स्वअर्जित संपत्ति के मामले में बेटी का पक्ष कमजोर है। यदि पिता ने अपने पैसे से जमीन खरीदी है, बनवाया है या घर खरीदा है तो वह यह संपत्ति जिसे चाहे उसे दे सकता है। अपनी मर्जी से किसी को भी अपनी कमाई हुई संपत्ति देना पिता का कानूनी अधिकार है। यानी अगर पिता बेटी को अपनी ही संपत्ति में हिस्सा देने से मना कर दे तो बेटी कुछ नहीं कर सकती।

(pc rightsofemployees)



 


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