कहते हैं कि बुरा वक्त आसानी से नहीं आता। अपवित्र कभी भी और कहीं भी हो सकता है। अगर किसी यात्रा पर जाना एक कार्यक्रम बन रहा है। तो वास्तु शास्त्र में आजमाएं कुछ उपाय। उनका अनुसरण करने से आपकी यात्रा सुखद हो जाएगी। और अपवित्र से बचाया जाएगा। आइए जानते हैं इस उपाय के बारे में।
गायत्री मंत्र का जाप करके अपनी यात्रा शुरू करें। अगर आप यात्रा पर जा रहे हैं तो मौसम या प्रकृति से जुड़ी किसी भी चीज के बारे में गपशप न करें। यदि आप यात्रा पर निकलने से पहले किसी दुल्हन को गहने पहने हुए या गाय को बछड़े से दूध निकालते हुए देखते हैं तो यह एक शुभ संकेत है। यदि यात्रा शुरू करने से पहले दही, दूध, घी, फल और चावल आपके सामने आ जाएं तो यह भी एक शुभ संकेत माना जाता है। यात्रा पर जाते समय घर पर विराजमान श्रीगणेश को प्रणाम करना। लौंग को सरसों के तेल के दीपक में रखकर घर में जलाएं। ऐसा करने से सकारात्मक माहौल बनता है। घर से निकलने से पहले शीशे में देखें और दही पिएं। यात्रा पर जहां भी रुकें, उत्तर दिशा की ओर मुंह करके सोएं। यात्रा के दौरान सिर्फ तीन से पांच दिन के लिए कहां रुकें। यदि आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा रहे हैं तो तीर्थयात्रा से पहले हनुमान मंदिर में चोल चढ़ाएं।