जयपुर। प्रदेश में एक से एक खूबसूरत जैन मंदिर है। बात यहां कला की हो या फिर आध्यात्म की। हर मामले में वह अनुपम माना जाता है। मनमोहक नसियां अजमेर शहर में पृथ्वीराज मार्ग पर है। कहा जाता है कि इस के आकर्षण को देखकर उसका नाम सिद्धकूट चेत्यालय है और इसे लाल मंदिर के रूप में भी जाना जाता है जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर को समर्पित है। इस स्थल का मुख्य आकर्षण मुख्य कक्ष है, जिसे स्वर्ण नगरी या सोने की शहरी के नाम से भी जाना जाता है।
श्री जैन धर्म के संस्करण में ब्रहमाण्ड की सबसे आश्चर्यजनक कृतियों में से है। इस जिनालय में सोने की लकड़ी की कई आकृतियां बनी हुई है। जिसमें जैन दर्शन को प्रदर्शित किया गया है। मंदिर इस कदर विशाल है कि इसे देखने के लिए कम से कम एक से दो घंटे का समय लगता है। इसी के चलते वहां देश- विदेश के पर्यटकों की लंबी कतार लगी रहती है।
नसियान मंदिर की नींव अक्टूबर 1864 को राय बहादुर सेठ मूलचंद और नेमीचंद सोनी के द्बारा रखी गई थी और इसे 26 मई 1865 को गर्भगृह अग्निदेव की छवि के साथ- साथ शिष्यों के लिए खोला गया था। वर्ष 1895 मेंइस स्वर्ण नगरी को मंदिर में जोड़े जाने के बाद, इसे लोकप्रियता के रूप मेंं सोने के मंदिर के नाम से जाना जाता है।
नसियां की नसियां की वास्तुकला का जहां तक सवाल है, इसका निर्माण करौली से लाए गए लाल पत्थर में किया गया है। इसमें एक विशाल प्रवेश द्बार है। जिसे गोपुरम भी कहते हैं। मंदिर दो मंजिली संरचना है जिसे दो भागों में विभाजित किया गया है। मंदिर का एक हिस्सा पूजा क्ष्ोत्र है। जिसमें भगवान आदिनाथ ऋषभदेव की मूर्ती स्थापित है। जबकि दूसरे हिस्से में एक संग्रहालय और एक विशाल हॉल शामिल हैं। संग्रहालय के इंटिरियर में भगवान आदिनाथ के जीवन के पांच चरणों याने पंच कल्याणक को दर्शाया गया है। ऐसे में यह इस क्ष्ोत्र में समृद्ध वास्तुकला तकनीक का एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मंदिर के भीतरी कक्ष की छत को लटकते हुए चांदी क ी गेंदों से सजाया गया है। परिसर के बीच एक 82 फीट ऊंचा स्तंभ खड़ा है। यह स्तंभ सफेद संगमरमर के स्तंभ पर उत्कीर्ण जैन तीर्थंकरों के चित्रों के साथ कलात्मक तरीके से डिजाइन किया गया है और इसका निर्माण सेठ सर भागचंद सोनी ने करवाया है।
नसिया जैन मंदिर में भ्रमण के लिए दस रूपए प्रति व्यक्ति का प्रवेश शुल्क देना होता है। विदेशी पर्यटकों के लिए यह 25 रूपए प्रति व्यक्ति का प्रवेश शुल्क निर्धारित किया है। इसके अलावा यदि कोई अपने साथ डिजीटल कैमरा ले जाना चाहते हैं तो इसके लिए अलग से एक टिकट खरीदना आवश्यक है। जिसकी कीमत पचास रूपया है। वीडियों कैमरा ले जाने पर सौ रूपए शुल्क के लिए देना होगा। नसियां के खुलने और बंद होने का समय सुबह 8.3० से 4.3० तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। नवम्बर माह से मार्च माह का समय माना गया है। गर्मियों के मौसम में वहां की यात्रा करना सही नहीं है।