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टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने टैरिफ नियमों में एक बड़ा संशोधन किया। TRAI ने सभी टेलीकॉम ऑपरेटर्स से कंज्यूमर्स के लिए कॉलिंग और SMS फोकस प्लान्स लॉन्च करने के लिए कहा है। इसके साथ ही एसटीवी यानी स्पेशल टैरिफ वाउचर की सीमा 90 दिन से बढ़ाकर 365 दिन कर दी गई है। अभी तक लोगो को सिर्फ कालिंग और एसमएस की सर्विस के साथ डाटा के लिए भी भुगतान करना होता था। इस संशोधन से अब ग्राहकों को उन्हीँ सेवाओं का भुगतान करना होगा जिनका वो इस्तेमाल करते है। इससे इंटरनेट डेटा खरीदने की बाध्यता को समाप्त किया गया है।
साल 2016 से पहले टेलीकॉम कंपनियों के प्लान का फोकस कॉलिंग और SMS सर्विसेज होता था। जियो के आने का बाद मार्केट तेजी से बदला और टेलीकॉम कंपनियों ने डाटा फोकस प्लान्स लॉन्च करना शुरू कर दिया। इसमें हर प्लान में डाटा दिया जाने लगा जिससे रिचार्ज के दाम तीव्रता से बढे । आज भी देश में 150 करोड़ लोग फीचर फ़ोन का प्रयोग करते हैं। डेटा की आवश्यकता न होने पर भी उन्हें कॉलिंग के लिए महँगे रिचार्ज प्लान्स लेने होते है। ये दर्शाता है कि नॉन-डेटा-स्पेसिफिक रिचार्ज ऑप्शन्स की जरूरत है। TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे उपभोक्ताओं, खासकर वृद्ध और ग्रामीण इलाकों के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, वॉयस और SMS के लिए अलग-अलग STV प्रदान करें। वॉयस और एसएमएस-ओनली एसटीवी को अनिवार्य करने से उन ग्राहकों को विकल्प मिलेगा जिन्हें डेटा की आवश्यकता नहीं है।
टेलीकॉम कम्पनीज़ ने इस फैसले पर नाराज़गी जताई और असहमत होते हुए कहा कि इससे केंद्रीय सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान की गति धीमी हो जाएगी। यह बदलाव भारत में दूरसंचार सेवाओं को अधिक उपभोक्ता-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ये संशोधन उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाजनक और अनुकूल विकल्प प्रदान करने के लिए किए गए हैं।