जयपुर। जैन मंदिर चाहे जो हो, वहां शिल्प कला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है। मगर कुछेक जिनालय ऐसे है कि इसे देखकर पर्यटक दांत तले उंगली दबाने के लिए विवश हो जाते हैं। तुमकुर में मंदागिरी हिल्स बैंगलोर साठ किलोमीटर दूर, मंदरगिरी हिल्स बंगलोर हिल्स ड्राइव है। जैन धर्म में इसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान माना गया है। पहाड़ी जिसे स्थानीय भाषा मं बसदी बेटटा के नाम से भी जाना जाता है। वहां पहाड़ियों की श्रंखला बेहद खूबसूरत है। जो कि बंगलोर के पिछवाड़े को डाट करती है। 45० विश्रम नक्कासीदार चरणों की बदौलत यह असान पहाड़ी है। वहां शीर्ष पर पहुंचने में अधिकाधिक पंद्रह मिनट का समय लगता है। वहां का प्राकृतिक सौंदर्य कमाल का है। पर्यटकों को सुहाने के लिए इसे खजाना माना जा सकता। यहां पडितनहल्ली गांव का मनोरम दृश्य भी देखने लायक है। वहां शिखर में चार मंदिर है। जिनका निर्माण 12 वी और 14 वीं शताब्दि के बताया जाता हैं। कहा जाता है कि यह स्थान कर्नाटक में जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में है। दोबासपेट के साथ तुमकुर जिले में स्थित यह बंगलौर से 75 किलोमीटर दूर है। इस मनोनिथ पर ट्रेकिंग अपेक्षाकृत आसान है। क्यों कि 46० सीढियां है। जो आपको पहाड़ी की चौटी पर ले जाती है। दस मिनट की स्र । मंदागिरी कई शिलाखंडों से धिरा ह रा भरा दुश्य मन को मोहित करने के लिए प्रर्याप्त है।
मंदागिरी में देखने लायक स्थलों एक पिंची आकार का 81 फीट का गुरू मंदिर है। जो जैन इतिहास में अपनी तरह का पहला है। गुरू मंदिर दिगम्बर जैन तपस्वी श्री शांति सागर जी महाराज को समर्पित है। पिंची के बगल में मुख मंडल में चंद्र नाथ तीर्थंकर की शानदार मूर्ति है। जो कि बाहुबली की तरह दिखाई देती है। मगर इसका तुलनात्मक आकार जरा छोटा है। इसे 2०11 में स्थापित किया गया था। और इस पहाड़ी की चोटी पर एक मंदिर परिसर है। जिसमें 4 छोटे लेकिन प्राचीन मंदिर है। जो 8०० - 1००० साल पहले के हैं। दो चंद्रनाथ को और दो पाश्वनाथ को समपिैत है। यह मंदिर बेदाग , बेहद साफ है। कोई अधिक भीड़ भरा माहौल ना होने पर वहां घंटों बैठा रहा जा सकता है। इस मंदिर के पिछवाड़े एक सुंदर झील दिखाई देती है। झील का छोर ढलान नुमा है, ऐसे में वहां उतरे में सावधानी बरती जरूरी है।वहां लंच के लिए सदाशिवनगर में जस्टबी नामक एक अदभुत जगह है, शुद्ध शाकाहारी, कोई तेल वाला भोजन नहीं मिलता है। उनके द्बारा परोसा गया भोजन स्वास्थ्य वर्धक और स्वादिष्ट है। वहां की यात्रा इस कदर अनुपम है जो कि कई महिनों तक व्यक्ति के दिमाग में छाई रहती है।