इंटरनेट डेस्क। देशभर में आज शुक्रवार सुबह अन्नदाता किसान को लेकर एक बड़ा फैसला आया जिसके उन्हें पिछले एक साल से उम्मीद थी। लाखों किसानों पिछले वर्ष से लगातार तीनों कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए लगातार संघर्षरत थे। इस दौरान कई किसानों ने अपना जीवन तक गंवा दिया। हालांकि आज किसानों को लेकर तीनों कृषि कानूनों के रद्द करने का फैसला सुकूं देना वाला रहा। लेकिन पीएम मोदी के इस फैसले पर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने फिर से राजनीति करना शुरू कर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा केंद्र सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि 700 से ज़्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि क़ानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है।
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, कर्नाटक से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के तीनों कृषि कानूनों क रद्द करने के फैसले पर कहा कि पिछले एक साल में किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान मारे गए। साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
हालांकि किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे और पिछले दो सालों से किसानों की मुखर आवाज़ बने राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। क्योंकि जब तक ये तीनों कृषि कानूनों संसद में आधिकारिक रूप से रद्द नहीं किये जाते हैं तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे।