इंटरनेट डेस्क। अयोध्या में बन रहे ऐतिहासिक राम मंदिर में लगने वाली भगवान राम की और साताजी की मूर्तिया जीन शिलाओं से बनेगी वो अपनी छह दिन की यात्रा के बाद नेपाल से अयोध्या पहुंच चुकी हैं। शालिग्राम शिलाओं के आयोध्या के रामसेवक पुरम में पहुंचने पर वैदिक ब्राह्मणों की मौजूदगी में शिला पूजन किया गया।

शालिग्राम शिला है करीब छह लाख साल पुरानी है
जानकारी के अनुसार जीन शालीग्राम शिलाओं से मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा ये शिलाए करीब छह लाख साल पुरानी। ये शिलाए नेपाल की गंडकी नदी से निकाली गई है। इनकों निकालने से पहले वहां भी नदी पर पूर्जा अर्चना की गई और नदी से क्षमा याचना की गई।

भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है शिला को
इधर शिला को देखने के लिए दूरदराज से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। खबरों की माने तो इस शिला को साक्षात् भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। नेपाल की गंडकी नदी में यह शिला मिलती है। इसके हर एक पत्थर को शालिग्राम कहा जाता है। भारत के हर मंदिर हर मठ में आपकों शालिग्राम शिला मिल जाएगी, इनके रूप में भगवान की पूजा होती है।