नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अधिक शक्तियां देने और प्राचीन स्मारकों से जुड़े एक कानून में संशोधन करने वाला विधेयक पेश किया जाएगा। मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, सरकार ने प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष (संशोधन) विधेयक (एएमएएसआर), 2022 संसद में पेश करने तथा पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। इस विधेयक का मकसद निषिद्ध क्षेत्र का पुनर्गठन तथा अन्य संशोधन करना है।
इसका सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह विधेयक उस प्रावधान को हटा देगा जिसके तहत केंद्र द्बारा संरक्षित स्मारकों के आसपास 100 मीटर के निषिद्ध क्षेत्र में निर्माण की अनुमति दी जाती है। एएमएएसआर विधेयक, 1958 को यह घोषित करने के लिए 2010 में संशोधित किया गया था कि संरक्षित स्मारकों के आसपास का 100 मीटर का क्षेत्र निषिद्ध है और अगले 300 मीटर का क्षेत्र विनियमित क्षेत्र है। अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन से कानून की धारा 20ए बदल जाएगी, जो निषिद्ध क्षेत्र को निषिद्ध और विनियमित क्षेत्र में पुनर्गठित करती है।
विशेषज्ञ स्मारक समितियां किसी धरोहर के आसपास निषिद्ध क्षेत्र के बारे में निर्णय लेंगी। एएसआई को वन कानून की तरह प्रवर्तन की शक्तियां दी जाएगी ताकि वे संरक्षित धरोहरों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सके। इस विधेयक में एएसआई के तहत संरक्षित स्थलों की सूची की समीक्षा करने का भी प्रावधान है। संसद के मानसून सत्र में कलाक्षेत्र फाउंडेशन (संशोधन) विधेयक, 2022 भी पेश किया जाएगा।