झुंझुनू । राजस्थान में झुंझुनू जिले के पिलानी कस्बे में स्थित बिरला इंस्टीट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी के शोधकर्ताओं को सोलर उर्जा को स्टोर करने में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस नई तकनीक के उपयोग से सोलर एनर्जी को स्टोर करने के बाद इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को रिचार्ज करने के साथ डिमांड को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में कम खर्चे पर प्रदूषण मुक्त विद्युत प्रणाली विकसित हो जाएगी।
BITS के इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिग विभाग के मुख्य अवेक्षक एवं डीन डॉ. हितेश दत्त माथुर ने बताया कि ये प्रणाली स्टैंड लोन माइकरोग्रिड ऊर्जा प्रबंधन मॉडल के रुप में विकसित की गई है। इसमें सोलर एनर्जी का विकास,व्यावसायीकरण और भंडारण आसानी हो सकेगा। इस मॉडल के जरिए स्मार्ट ग्रिड प्रोद्यौगिकी को लागू करने के साथ ही डीसीएम सिस्टम का समावेश किया गया है। जो बिजली उपयोगिता द्बारा उपभोक्ता को खुद के स्तर पर ही स्तर पर बिजली के उपयोग को संशोधित करने के साथ ही डिमांड को कंट्रोल करने में सक्षम बनाएंगा।
उन्होंने बताया कि इस नई तकनीक से सोलर उर्जा के जरिए इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर एवं ई-रिक्शा को चार्ज किया जा सकेगा। जिससे ग्रामीण इलाकों जहां बिजली संकट रहता है, वहां इसका सर्वाधिक उपयोगी मॉडल होगा। वे अपने ई-वाहन की बैटरी सौर ऊर्जा के जरिए चार्ज कर सकेगे। इसके साथ ही रात के समय में बचाई गई ऊर्जा को स्टोर कर उसका उपयोग कर सकते हैं। प्रो. माथुर ने बताया कि मल्टीमोड ऑपरेशन लीड-एसिड बैटरी बैंक, उन्नत ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली एवं वास्तविक समय में ऊर्जा उत्पादन और उपयोग की निगरानी के साथ यह अनुकूलित इन्वर्टर परियोजना को मजबूत बनाता है।