BJP का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से नामंजूर

Samachar Jagat | Thursday, 28 Jul 2022 10:11:07 AM
BJP's no-confidence motion rejected by voice vote

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में क ांग्रेस-नीत भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्बारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लगभग 13 घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से नामंजूर हो गया। विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों ने क ांग्रेस सरकार पर उसकी ''अंदरूनी लड़ाई'', कथित भ्रष्टाचार और चुनावी वादों को पूरा न करने को लेकर निशाना साधा। वहीं सत्ताधारी दल ने आरोपों को नकारते हुए दावा किया कि विपक्ष किसी ठोस मुद्दे के साथ अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने में विफल रहा है।

अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में लगभग 13 घंटे की चर्चा हुई और देर रात प्रस्ताव ध्वनिमत से अस्वीकृत हो गया। अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकर के कामकाज का लेखाजोखा सदन के समक्ष रखा और कहा कि उनकी सरकार 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का उद्देश्य लेकर चल रही है। बघेल ने कहा कि सरकार ने किसानों और राज्य के लोगों का भला करने के लिए क़र्ज़ लिया है। उन्होंने कहाद कि उनकी सरकार व्यक्ति को केंद्र में रखकर योजना बना रही है तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, रोज़गार, सुपोषण को ध्यान में रखकर काम कर रही है।
राज्य विधानसभा के छह-दिवसीय मानसून सत्र के अंतिम दिन बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हुई थी। इस दौरान भाजपा ने 84 बिदुओं में आरोप पत्र पेश किया था।

विधानसभा में बुधवार दोपहर विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने सदन में आरोप पत्र पेश किया था। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने क ांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार के एक मंत्री ने भी मुख्यमंत्री पर अविश्वास व्यक्त किया है और प्रशासन को भी सरकार पर भरोसा नहीं है। अग्रवाल ने कहा, ''मुख्यमंत्री ने उस मंत्री को निष्कासित क्यों नहीं किया? मुख्यमंत्री की हिम्मत नहीं है। यहां तक कि मंत्री में भी हिम्मत नहीं है और वह कैबिनेट में बने रहना चाहते हैं।'' वह मंत्री टीएस सिहदेव का परोक्ष उल्लेख कर रहे थे।

सिहदेव ने इस 16 जुलाई को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उनके पास चार अन्य विभाग अब भी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भेजे त्यागपत्र में सिहदेव ने कहा था, ''जन-घोषणा पत्र की विचारधारा के अनुरूप महत्वपूर्ण विषयों को दृष्टिगत रखते हुए, मेरा यह मत है कि विभाग के सभी लक्ष्यों को समर्पण भाव से पूर्ण करने में वर्तमान परिस्थितियों में खुद को असमर्थ पा रहा हूं। अतएव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के भार से मैं अपने आप को अलग कर रहा हूं।'' सिहदेव मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में अनुपस्थित रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा कि खराब वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य 1.75 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है।

अग्रवाल ने सिहदेव द्बारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र के संबंध में कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों के 18 लाख घर छीन लिए, जिनके वे हकदार थे, क्योंकि बघेल सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए राज्य के हिस्से का धन उपलब्ध नहीं कराया था। पूर्व मंत्री ने कहा कि नियम के खिलाफ पंचायत विभाग के काम को मंजूरी देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। अग्रवाल ने सवाल किया कि एक मंत्री द्बारा अनुमोदित कार्यों को अधिकारी कैसे मंजूरी दे सकते हैं। अग्रवाल ने इस दौरान सरकार पर कई मोर्चों पर विफल होने का आरोप लगाया।

जब अग्रवाल के भाषण के दौरान सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने टोकना शुरू किया, तब उन्होंने कहा कि वह पिछले 33 वर्षों से विधानसभा के सदस्य हैं और उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर कम से कम दस बहसों में भाग लिया है। लेकिन इससे पहले उन्होंने इस तरह के व्यवधान का सामना कभी नहीं किया है। विपक्षों के आरोपों का खंडन करते हुए प्रदेश क ांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि क ांग्रेस सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में 36 में से 30 चुनावी वादे पूरे किए हैं। उन्होंने सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि क ांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है, समर्थन मूल्य पर धान की खरीद के बदले किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गयी है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य में बेरोजगारी दर में काफी गिरावट आई है। मरकाम ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) लोगों और समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं। वहीं राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने कहा कि क ांग्रेस सरकार में लोगों का विश्वास बढ़ा है, क्योंकि सरकार ने जो वादा किया है उसे पूरा किया है। चर्चा के दौरान भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने विश्व आदिवासी दिवस पर घोषित अवकाश को लेकर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद सत्ता पक्ष ने इसका विरोध किया।

क ांग्रेस विधायकों ने कहा कि चंद्राकर की टिप्पणी आदिवासियों का अपमान है और वह इसके लिए माफी मांगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सदस्य (चंद्राकर) ने आदिवासी समुदाय का अपमान किया है और मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ कई टिप्पणियां की है। बाद में अध्यक्ष के निर्देश पर चंद्राकर ने कहा कि सदन के अंदर या बाहर दिए गए उनके बयान से अगर किसी को ठेस पहुंची है तो वह इसके लिए दिल से माफी मांगते हैं। 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.