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इंटरनेट डेस्क। चमोली जिले में हिमस्खलन के बाद आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। पिछले तीन दिनों से रेस्क्यू आपरेशन जारी है। वहीं आज मंगलवार को तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों में से 30 के शव बाहर निकाल लिये गए हैं।
आईटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। नदी के तल और मलबे में अभी भी कई लोगों के दबने की आशंका है। इसी के चलते हैदराबाद की एक कंपनी द्वारा बनाई गई डिवाइस के जरिये प्रशासन हैलीकॉप्टर की मदद से मलबे के 500 मीटर की ऊंचाई से गहराई में फंसे लोगों को चिन्हित कर रहा है। भारतीय वायु सेना की इसमें मदद ली जा रही है।
A Hyderabad based team has got a remote sensing device that can detect debris up to 500 metres deep in the ground. We are using the device with the help of a chopper: Ashok Kumar, DGP #Uttarakhand pic.twitter.com/klnUYdQwq1
— ANI (@ANI) February 9, 2021
दूसरी ओर प्रभावित क्षेत्र ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट में चार और शव बरामद हुए हैं। मृतकों का आंकड़ा 35 से ऊपर पहुंच चुका है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हालातों का जायजा ले रहे हैं। राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि हमने नदी के तल और मलबे में सर्च अभियान चला रहे हैं। संभावना है कि मलबे से और शव बाहर आएंगे क्योंकि अभी भी लापता लोगों की संख्या 150 से ऊपर है।
30 dead bodies have been recovered. Search operation is on for the missing. We are searching river bed & debris. Today, three bodies were recovered from the debris in Raini village including our police personnel: Ashok Kumar, DGP #Uttarakhand pic.twitter.com/W1JRvXHwdC
— ANI (@ANI) February 9, 2021
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित सीमांत गांव क्षेत्र रैणी जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर संभव सहायता के प्रति आश्वस्त किया।