ओडिशा में कांग्रेस के विधायक चाहते हैं ओपीसीसी में बदलाव

Samachar Jagat | Monday, 04 Apr 2022 10:46:47 AM
Congress MLAs in Odisha want changes in OPCC

भुवनेश्वर। पंचायत और शहरी चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद, ओडिशा कांग्रेस के विधायकों का एक वर्ग 2024 के आम चुनाव तथा राज्य विधानसभा से पहले ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) में बदलाव चाहता है। राज्य के नौ कांग्रेस विधायकों में से ताराप्रसाद बहिनीपति, एसएस सलूजा, अधिराज पाणिग्रही और मोहम्मद मोकीम ने पार्टी की वर्तमान और भविष्य की स्थिति पर चिता व्यक्त की है और नेतृत्व में कुछ बदलाव की मांग की हैं। हालांकि सभी ने दावा किया कि वे मौजूदा ओपीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक के विरोध में नहीं है।

खरिअर से विधायक पाणिग्रही ने कहा, ''हम निरंजन पटनायक के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पार्टी को अपनी साख बचानी होगी और सभी इस बात से सहमत हैं कि संगठन को मौजूदा स्थिति से उबरना होगा। एक वैकल्पिक नेतृत्व की जरूरत है, जो पार्टी को मौजूदा स्थिति से निकाल सके।’’ निरंजन पटनायक के करीबी माने जाने वाले जेयपोरे से विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति और जतणी के विधायक सुरेश राउतराय ने भी ओपीसीसी में बदलाव की वकलात की।

बहिनीपति ने कहा, '' निरंजन बाबू जब भी चुनाव आते हैं बीमार हो जाते हैं। इसलिए, ओडिशा में एक नए और मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।’’राउतराय ने ओपीसीसी में परिवर्तन के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व को अब प्रतिद्बंद्बियों का मुकाबला करने के लिए चुनाव के दौरान उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा, '' ओपीसीसी अध्यक्ष को शक्तिशाली बीजु जनता दल (बीजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ने वाले उम्मीदवारों को मदद मुहैया करानी चाहिए।’’

कन्ताबंजी के विधायक संतोष सिह सलूजा ने कहा कि ग्रामीण तथा शहरी चुनाव जीतने वाले पार्टी उम्मीदवारों को अपने व्यक्तिगत प्रयासों से जीत मिली है। अगर पार्टी उम्मीदवारों की मदद करेगी तो निश्चित तौर पर और लोगों को जीत मिलेगी। गौरतलब है कि 2000  में नवीन पटनायक की बीजद सरकार बनने से पहले दशकों तक ओडिशा पर शासन करने वाली कांग्रेस, 2019 के चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। भाजपा अब राज्य में मुख्य विपक्षी दल है। शहरी चुनाव में, कांग्रेस केवल 12 प्रतिशत वोट हासिल कर सकी और 20 13-14 चुनाव में 13 सीटों के अपने पिछले प्रदर्शन के मुकाबले केवल सात सीटों पर जीत हासिल की।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि 2000  के बाद से, कांग्रेस ने नौ बार ओपीसीसी अध्यक्ष को बदला है, लेकिन वे सभी संगठन को पुनर्जीवित करने में विफल रहे। निरंजन पटनायक पहली बार 2011 से 2013 तक ओपीसीसी के प्रमुख रहे थे। उन्हें एक बार बार फिर अप्रैल 2018 में ओपीसीसी अध्यक्ष बनाया गया था और अब भी वह इस पद पर काबिज हैं। 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.