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इंटरनेट डेस्क। दिल्ली नगर निगम द्वारा एक बडी़ लापरवाही का मामला सामने आया है। इस मामले के अंतर्गत निगम ने एक जिंदा व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर उसे जीते जी मार दिया है। ये वाक्या राजधानी दिल्ली के रहने वाले 58 वर्षिया विनोद शर्मा के साथ घटा है। विनोद शर्मा को नगर निगम की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट का मैसेज मिला है।
दिल्ली के आर्य नगर में एक निजी इंजीनियरिंग फर्म चलाने वाले विनोद शर्मा ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की तरफ से वेबसाइट लिंक के साथ एक मैसेज आया- डेथ सर्टिफिकेट के लिए आपके अनुरोध को मंजूरी दे दी गई है। आप नीचे दिए गए लिंक से सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मैं यहां जीवित और स्वस्थ हूं। मेरे परिवार में किसी का भी निधन नहीं हुआ है और न ही किसी ने भी इस तरह के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। लेकिन फिर भी नगर निगम ने हमें डेथ सर्टिफिकेट भेजा है।
आर्य नगर पार्षद वेद पाल ने सोमवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की स्थायी समिति की बैठक में लोगों को भेजे गए गलत संदेशों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब मेरे वार्ड के एक व्यक्ति को मृत्यु के बारे में मैसेज मिला, तो परिवार में दहशत फैल गई। उन्होंने सोचा कि कई उनके किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है और फिर उन्होंने अपने निकट और प्रिय लोगों को फोन करके पूछा। आखिरकार, उन्हें एहसास हुआ कि यह गलत तरीके से दिया गया मैसेज है।
स्थायी समिति ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को डेथ सर्टिफिकेट के लिए पंजीकृत फोन नंबर पर भेजे गए मैसेज के प्रारूप को बदलने का निर्देश दिया है। सदन के नेता नरेंद्र चावला ने सहमति व्यक्त की कि इस तरह की तकनीकी गड़बड़ी किसी को भी परेशान कर सकती है।