Phogat की मौत से जुड़े रेस्तरां को ढहाने की प्रक्रिया न्यायालय के आदेश के बाद बीच में रोकी गई

Samachar Jagat | Friday, 09 Sep 2022 04:44:45 PM
Demolition of restaurant linked to Phogat's death halted midway after court order

पणजी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई की नेता सोनाली फोगाट की मौत से जुड़े, गोवा के विवादित रेस्तरां को नियमों के उल्लंघन के कारण शुक्रवार सुबह शुरू की गई ढहाए जाने की प्रक्रिया उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद बीच में ही रोक दी गई। राज्य सरकार ने तटीय नियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के नियमों का उल्लंघन करके 'निर्माण के लिए निषिद्ध क्षेत्र’ में बने रेस्तरां 'कर्लीज’ को ढहाने की प्रक्रिया सुबह साढ़े सात बजे शुरू की थी, लेकिन इसे पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे रोक दिया गया।

'कर्लीज’ नामक यह रेस्तरां उत्तरी गोवा के प्रसिद्ध अंजुना बीच पर स्थित है। मौत से कुछ घंटों पहले फोगाट इसी रेस्तरां में पार्टी कर रही थीं। इसी कारण यह रेस्तरां हाल में सुर्खियों में रहा था। इस रेस्तरां के मालिक एडविन नून्स समेत पांच लोगों को फोगाट की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि नून्स को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। पुलिस के मुताबिक, पूर्व टिकटॉक स्टार एवं रियलिटी शो 'बिग बॉस’ की प्रतिभागी रहीं फोगाट को रेस्तरां में कथित तौर पर नशीला पदार्थ दिया गया था, जिसके बाद 23 अगस्त को उनकी मौत हो गई थी।

प्राधिकारियों ने रेस्तरां को ढहाने की प्रक्रिया जैसे ही शुरू की, उच्चतम न्यायालाय ने इसके एक हिस्से को ढहाने पर रोक लगा दी। न्यायालय का यह आदेश एक खास सर्वेक्षण संख्या पर आधारित ढांचों को गिराए जाने से ही संबंधित है। सर्वेक्षण संख्या भूमि के एक टुकड़े को आवंटित एक विशिष्ट संख्या या पहचान होती है। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अगुवाई वाली एक पीठ ने यह स्पष्ट किया कि विशिष्ट सर्वेक्षण संख्या के अलावा किसी और जमीन पर बने अवैध ढांचे गिराए जा सकते हैं।

पीठ ने गोवा तटीय मंडल प्रबंधन प्राधिकरण (जीसीजेडएमए) की ओर से पेश वकील से प्राधिकारियों को फौरन इस आदेश की जानकारी देने को कहा ताकि इसका अनुपालन किया जा सके। उसने 'कर्लीज’ रेस्तरां मालिक को वाणिज्यिक गतिविधियां फिलहाल रोकने का निर्देश दिया। रेस्तरां की सह-मालिक लिनेट नून्स के वकील गजानन कोरगांवकर ने विध्वंस स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कार्रवाई पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई तक इस जगह पर किसी भी तरह की व्यावसायिक गतिविधि पर रोक लगा दी गई है। न्यायालय इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई करेगा।

वकील के दावे के बाद अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। जीसीजेडएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्हें अभी तक न्यायालय का आदेश मिला नहीं है और अगर कार्रवाई पर रोक लगाई भी गई है, तो यह आंशिक होगी। उन्होंने कहा, ''मालिक ने रेस्तरां के केवल एक हिस्से पर दावा किया है, जबकि भूमि के उसके सर्वेक्षण संख्या से बाहर के अन्य हिस्सों पर उसने अपना मालिकाना हक अस्वीकार कर दिया गया है। भले ही कार्रवाई पर रोक लगा दी गई हो, हम उन हिस्सों को ढहाएंगे, जिन पर उसने अपने मालिकाना हक से इंकार किया है।’’ इससे पहले, एक अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन का ध्वस्तीकरण दस्ता अंजुना पुलिस कर्मियों के साथ सुबह करीब साढ़े सात बजे समुद्र तट पर सीआरजेड नियमों का उल्लंघन करके 'निर्माण के लिए निषिद्ध क्षेत्र’ में बने रेस्तरां को गिराने पहुंचा था।

जीसीजेडएमए ने इमारत को ढहाने का 2016 में आदेश दिया था, जिसे रेस्तरां मालिक ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें एनजीटी से कोई राहत नहीं मिल पाई थी, जिसके बाद इसे ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी पीठ ने मामले की सुनवाई छह सितंबर को की थी। पीठ ने जीसीजेडएमए के आदेश को बरकरार रखते हुए रेस्तरां प्रबंधन द्बारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया था। जिला प्रशासन ने बृहस्पतिवार को नोटिस जारी कर अपने विध्वंस दस्ते को शुक्रवार को ढांचा गिराने को कहा था। मापुसा उपमंडल के उपजिलाधिकारी गुरुदास एस टी देसाई ने यह नोटिस जारी किया था। 



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.