राजस्थान में बिजली संकट के चलते संभाग से नगरपालिका स्तर पर एक से तीन घंटे तक की बिजली कटौती का निर्णय

Samachar Jagat | Thursday, 28 Apr 2022 12:26:20 PM
Due to the power crisis in Rajasthan, the decision to cut power from the division to the municipal level for one to three hours

जयपुर। राजस्थान में इस वर्ष भीषण गर्मी में बिजली की मांग बढè जाने से पैदा हुए बिजली संकट के कारण प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों एवं कस्बों में बिजली की कटौती की जा रही है और अब संभाग से नगरपालिका स्तर पर एक से तीन घंटे तक की बिजली कटौती का निर्णय लिया गया है।


उर्जा मंत्री भंवर सिह भाटी की अध्यक्षता मेें आयोजित प्रदेश में बिजली की मांग एवं उपलब्धता की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। कृषि आपूर्ति ब्लॉक के समय को भी एक घंटा घटाकर पांच घंटा करने फैसला किया गया है। निर्णय के अनुसार अब संभागीय मुख्यालयों पर एक घंटा, जिला मुख्यालयों पर दो घंटे, नगरपालिका क्षेत्रों एवं पांच हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में तीन घंटे विद्युत कटौती की जाएगी।

इसमें जयपुर, जोधपुर, अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर प्रात: सात बजे से आठ बजे तक एवं कोटा, भरतपुर, बीकानेर एवं उदयपुर संभाग मुख्यालयों पर प्रात: आठ से नौ बजे तक कटौती की जाएगी। इसी तरह जिला मुख्यालयों पर प्रात: 6.30 बजे से 8.30 बजे तक एवं नगर पालिका क्षेत्रों एवं पांच हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में प्रात: छह बजे से नौ बजे तक बिजली कटौती का समय निर्धारित किया गया है। यथासंभव प्रात: (6 बजे से 12 बजे) चलने वाले सभी कृषि आपूर्ति ब्लॉकों को रात्रि में शिफ्ट किया जाएगा।


कृषि आपूर्ति ब्लॉक के समय को छह घंटे से घटाकर पांच घंटा किया जाएगा। सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं को सांय छह बजे से रात दस बजे तक अपने विद्युत उपभोग को 50 प्रतिशत तक सीमित करने के निर्देश दिए गए। जहां कटौती करना प्रस्तावित है उसकी सूचना यथासंभव सभी उपभोक्ताओं को पूर्व में दी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि अप्रैल में भीषण गर्मी और कोविड महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों मेें वृद्धि के चलते राजस्थान में बिजली की खपत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह अप्रैल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।


वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट एवं आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युत गृहों में से आठ बंद हैं। देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहों में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 प्रतिशत से भी कम है एवं यह सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से क्रिटिकल लेवल पर है।निर्धारित कोयला भंडारण मात्रा का राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में 13 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 14 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 19 प्रतिशत, गुजरात में 23 प्रतिशत, पंजाब में 28 प्रतिशत एवं हरियाणा में 35 प्रतिशत उपलब्ध है।


इन सभी राज्यों में विद्युत की उपलब्धता में कमी एवं खपत में वृद्धि में आए अप्रत्याशित अंतर के चलते बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है।राजस्थान राज्य भी इससे पृथक नहीं है, बल्कि राजस्थान में 35 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि के चलते बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। मांग एवं आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए मजबूरीवश ग्रामीण क्षेत्रों एवं कस्बों में बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है। पूर्व में यह कटौती ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित थी, ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में भी कटौती गत दो-तीन दिनों से की गई है। वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन लगभग 48० लाख यूनिट बिजली की कमी है अर्थात् दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लॉक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है।


बिजली की मांग एवं उपलब्धता के चलते पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश आदि राज्यों में भी बिजली की कमी 30 से 40 प्रतिशत है। इसके मध्यनजर गुजरात में सप्ताह में एक दिन औद्योगिक अवकाश किया है। 



 

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