राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकताã गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी। नवलखा को मामले में शामिल होने के आरोप में 28 अगस्त 2018को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें शुरुआत में घर में नजरबंद रखा गया लेकिन बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वह पड़ोसी नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं। विशेष न्यायाधीश राजेश जे कटारिया ने सोमवार को नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी।
आदेश की विस्तृत जानकारी अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है।यह मामला पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए कथित उकसावे वाले भाषणों से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों से शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के समीप अगले दिन हिसा भड़क गयी थी। पुणे पुलिस ने यह भी दावा किया था कि माओवादियों ने इस सम्मेलन का समर्थन किया था। एनआईए ने बाद में इस मामले की जांच संभाली और इसमें कई सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया।