लखनऊ। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से‘एक देश-एक टैक्स’की अवधारणा वास्तविक आकार लेगी और यह व्यापारियों और उपभोक्ताओं के हित में है। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां लोक भवन में आयोजित जीएसटी विषय पर पीआरएस लेजिस्लेटिव इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च स्टडीज द्वारा विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
दीक्षित ने कहा कि जिस प्रकार भौंरा फूल को नुकसान पहुंचाये बिना पराग हासिल करता है, करों की व्यवस्था वैसी ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्भवत: ऐसी बातों को ध्यान में रखकर जीएसटी कानून पारित कराने का काम किया है। कर प्रणाली को सीधा और सरल होना चाहिए । विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायन विशेषकर आर्थिक विषयों पर विधि निर्माण जटिल कार्य है। विधि का प्रभाव सीधे तौर पर जनमानस पर पड़ता है, इसलिए विधायकों को विधेयकों के विभिन्न बिन्दुओं की जानकारी है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्री दीक्षित ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा द्वारा सांसदों के प्रबोधन के लिए इस तरह के आयोजन होते रहे हैं। उसी परिपाटी पर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है। पीआरएस संस्थान द्वारा इस विषय समेत अन्य विषयों पर सांसदों और अन्य प्रदेशों के विधायकों का प्रबोधन किया गया है। प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करने के पश्चात अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जीएसटी आजादी के बाद आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में सबसे बड़ा कदम है।
इसके लागू होने से‘एक देश-एक टैक्स’की अवधारणा वास्तविक आकार लेगी। जीएसटी व्यापारियों और उपभोक्ताओं के हित में है। इससे अनेक वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी तथा व्यापारियों को भी अपने कर खातों को व्यवस्थित करने में सरलता होगी। योगी ने कहा कि वर्तमान लागू कर प्रणाली के तहत एक वस्तु पर कई बार कर लगने से उसकी कीमत हो जाती है। अलग-अलग करों को समाहित करते हुए एक कर प्रणाली लागू करने के लिए जीएसटी कानून को पारित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसद समेत आठ राज्यों द्वारा जीएसटी विधेयक को पारित किया जा चुका है।
विधान सभा में भी इस विधेयक को पुन: स्थापित कर दिया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि जीएसटी विधेयक पारित करने वाला उत्तर प्रदेश 9वां राज्य बनेगा। जीएसटी पर विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम के आयोजन के लिए विधान सभा अध्यक्ष को साधुवाद देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों को जनता पर प्रभाव डालने वाले जीएसटी जैसे विषयों की जानकारी होनी चाहिए। इससे विधानसभा में चर्चा के दौरान विधायकगण को अपनी बात रखने में सरलता होने के साथ ही होने वाली बहस को नयी गरिमा और ऊँचाई मिलेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां उपभोक्ताओं की संख्या भी सर्वाधिक है, इसलिए जीएसटी के लागू होने से राजस्व में प्रदेश को बड़ा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों के राजस्व में कमी पर केन्द्र सरकार द्वारा पांच साल तक भरपाई के प्रावधान के लिए केन्द्र सरकार को बधाई दी जानी चाहिए। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति रमेश यादव, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ0 दिनेश शर्मा समेत मंत्रिपरिषद के अनेक सदस्य, प्रमुख विधान सभा सचिव उपस्थित थे। -(एजेंसी)