इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्तारुढ़ नेशनल एसम्बेली के उपाध्यक्ष पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को दिल दहलाने वाला बताया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। श्री खान ने कहा कि पत्र को संघीय कैबिनेट और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने रखने के बावजूद इसकी जांच नहीं की गई थी।
प्रधानमंत्री पद से अविश्वास प्रस्ताव से हटाए गए श्री खान ने दावा किया कि अमेरिका के दूत डोनाल्ड लू के पाकिस्तानी राजदूत को लिखे पत्र के बाद यह अभियान चलाया, जिसमें मुझे पद से हटाने या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया था। डेरा गाजी खान में रैली को संबोधित करते हुए श्री खान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि पत्र की जांच नहीं हुई है जबकि मैंने पत्र को संघीय कैबिनेट और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने रखा था । इसे राष्ट्रपति और न्यायपालिका को एक आयोग गठित करने के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि आप आधी रात 12 बजे अदालत खोल सकते है लेकिन प्रधानमंत्री को मिली धमकी पर कुछ नहीं करते। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्बारा भेजे गए पत्र की न्यायपालिका को जांच नहीं करनी चाहिए थी।