नई दिल्ली : सरकार ने उत्तर प्रदेश से संबंधित 'संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ सोमवार को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक में संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजातियां) उत्तर प्रदेश आदेश, 1967 का संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुएकांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि फिलहाल अनुसूचित जातियों और जनजातियों से संबंधित तीन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पड़े हुए हैं। ये भी जातियों के नाम जोड़ने और इससे बाहर रखने से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि एक-एक करके विधेयक नहीं लाना चाहिए, बल्कि सरकार को समग्र रूप से विधेयक लाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने इस विधेयक को हाल में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जोड़ने का प्रयास किया तो जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, ''यह विधेयक उत्तर प्रदेश से संबंधित है। चुनाव हो चुके हैं। इस विधेयक का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इस बारे में पहले सदन ने स्वीकृति दी थी। मंत्री ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के समय कुछ जिलों का बंटवारा हो गया था और अब उन जिलों का उल्लेख करते हुए यह विधेयक फिर से लाया गया है। इसके बाद उन्होंने विधेयक सदन में पेश किया।