नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़े नोटों का चलन बंद करने का कदम उठाते हुए अपने ‘कारपोरेट मित्रों’ को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने मोदी को उन कुछ ‘‘बड़े नेताओं’’ के साथ जोडऩे का प्रयास किया जिनके नाम सीबीआई और आयकर विभाग की जांच के दौरान सामने आए थे।
दिल्ली विधानसभा के आपातकालीन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने सवाल किया कि मोदी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं जिनके नाम स्विस बैंक खाताधारकों और पनामा पेपर्स की सूची में सामने आए थे।
बड़े नोटों का चलन बंद करने के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाए गए एकदिवसीय विशेष सत्र में तकरार वाले कई क्षण देखने को मिले और विपक्षी भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री के इस चर्चा में मोदी का नाम लेने पर बार बार आपत्ति जताई।
गुप्ता को शांत करने के विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के प्रयास नाकाम रहने पर उन्हें मार्शल बुलाकर बाहर किया गया और चर्चा जारी रही।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी पर कई आरोप लगाए।
केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के उदाहरण का अनुसरण करेंगे जिन्होंने हवाला घोटाले में उनका ‘‘इनीशियल एलकेए’’ सामने आने के बाद इस्तीफा देकर ‘‘उदाहरण पेश’’ किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के खनन कारोबारी और राज्य में भाजपा के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी की बेटी की शादी में बहुत खर्चा किये जाने पर सवाल उठाए।
इससे पहले सदस्यों ने धन निकालने के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर कतारों में खड़े रहते हुए जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखा।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता गुप्ता ने मुख्यमंत्री केजरीवाल पर सदन के विशेषाधिकार का ‘‘दुरूपयोग’’ करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘‘झूठे और द्वेषपूर्ण’’ आरोप लगाने का आरोप लगाया।
पार्टी ने मुख्यमंत्री पर बड़े नोटों का चलन बंद करने के मुद्दे पर देश में ‘‘दंगा भडक़ाने’’ का प्रयास करने का भी आरोप लगाया।
उधर, केजरीवाल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से केन्द्र को नोटों का चलन बंद करने का कदम वापस लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया और इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए इस योजना को एक ‘‘विशेष राजनीतिक दल’’ को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राष्ट्र से ‘‘धोखा’’ करने जैसा बताया।