इंटरनेट डेस्क। जम्मू-कश्मीर में एक तरफ आतंकी वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। हिंदू लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आतंकवाद के कारण आम लोगों की मौत पर भी बवाल मचा हुआ है। कल बुधवार को जहां आतंकवाद के नाम पर आम लोगों की मौत को लेकर पीडीपी पार्टी की मुखिया और राज्य के पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया वहीं आज विरोध प्रदर्शन की कमान नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर और राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला भी आम लोगों के शवों के लिए धरने पर बैठ गए हैं।
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज परिजनों को शव मिलने की उम्मीद में एसपी और कंट्रोल रूम के सामने बुलाया गया। लेकिन उन्हें 2-3 दिन बाद वापस आने को कहा गया। मुझे पूछताछ या दंड की परवाह नहीं है, मैं चाहता हूं कि नागरिकों के शवों को उचित अंतिम संस्कार के लिए लौटाया जाए।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आज, जबरदस्ती, मुझे अपना गुस्सा और लाचारी व्यक्त करने के लिए यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। यहां तक कि हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शव भी परिवारों को नहीं लौटाए गए हैं। वे प्रेस कॉलोनी में भी शांतिपूर्वक विरोध नहीं कर सके।