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इंटरनेट डेस्क। एक तरफ आज बुधवार को संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़े 24 देशों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रशाषित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के हालात जानने को श्रीनगर पहुंचा हुआ है वहीं दूसरी ओर राज्य में मासूम बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने पर मजबूर हैं। राज्य के कई जिलों में हालात बेहद खराब हैं। यहां स्कूल तो हैं लेकिन बैठने के लिए भवन नहीं हैं। बस ऐसे ही खुले में सरकारी स्कूल चलाए जा रहे हैं।
कुछ ऐसे ही हालात कश्मीर के उधमपुर जिले में हैं। यहां महनी गांव में एक स्कूल बिना छत और चारदिवारी के चल रहा है। घोर्डी ब्लॉक में मौजूद ये स्कूल सरकारी है। इस प्राइमरी स्तर के स्कूल में बेहद छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।
J&K: A Govt Primary School in Ghordi Block's Mahni village from Udhampur district has been without roof for 15 years. Students forced to study in open
"Teaching without a proper building for 15 years.We appeal to govt to make building at the earliest", says teacher Kuldeep Singh pic.twitter.com/JvSOqck5r1
— ANI (@ANI) February 17, 2021
लेकिन यहां पिछले 15 साल से ये इमारत ऐसे ही अधूरी है। ना छत डली है और ना ही चारदिवारी पर प्लास्टर हुआ है। ना ही चार दीवारी बंद है। हालात इतने खराब हैं कि कभी भी कोई हादसा हो सकता है। 15 साल पूर्व में बने इस आधे-अधूरे स्कूल की चार दीवारी कभी भी गिर सकती है। साथ ही ऐसी हालत होने के कारण बच्चे बाहर बैठकर पढ़ने पर मजबूर है। बच्चे कहते हैं कि उन्हें अंदर बैठकर पढ़ने में डर लगता है।
वहीं स्कूल के शिक्षक कुलदीप सिंह ने बताया है कि स्कूल का निर्माण जब हुआ था तो प्रशासन के लोगों ने ध्यान नहीं दिया और अधूरा छोड़कर चले गए। 15 साल हो गए हैं तब से ये स्कूल वैसा ही पड़ा है जैसे छोड़कर गए थे।
अब भवन नहीं है तो स्कूल थोड़ी बंद किया जा सकता है इसीलिये स्कूल तो हर रोज खुलता है बच्चे आते भी हैं। इसीलिये डर भी रहता है तो बच्चों को बाहर ही बिठाकर पढ़ाया जाता है। एक बार फिर से प्रशासन से जल्द ही स्कूल के भवन निर्माण को लेकर भी बात हुई है। अब देखते हैं कि आखिर कब तक प्रशासन इसकी सुध लेगा।