नयी दिल्ली | देश में आतंकवादी गतिविधियों के उन्मूलन के लिए आतंकवाद निरोधक कानून ( यूएपीए) में अब तक चार बार संशोधन किया जा चुका है और आतंकवाद के मामले में धर्म के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी। श्री राय ने कहा कि इस कानून के तहत किसी निर्दोष व्यक्ति के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हो इसलिए ही इस कानून में अब तक चार बार संशोधन हो चुका है और जरूरत पड़ने पर संशोधन किया जायेगा। यह कानून आंतकवाद पर रोकथाम के लिए नहीं बल्कि उन्मूलन के लिए है और मोदी सरकार आतंकवाद से निपटने में कोई कौताही नहीं बरत रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश में आंतकवाद के उन्मूलन को लेकर स्पष्ट है और इससे किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा। केन्द्र सरकार जब इस कानून का उपयोग करती है तो वैसे मामले में शत प्रतिशत तक सजा हुयी है लेकिन राज्यों के मामले में कुछ अंतर हो सकता है।
राज्य अपने स्तर से इसके तहत कार्रवाई करती है और ऐसे मामले में कानून व्यवस्था का मामला राज्यों के पास है। उत्तर प्रदेश में इस कानून के तहत 1388 मामले दर्ज किये जाने और मात्र 83 लोगों को सजा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्यों द्बारा की जा रही कार्रवाई उसके स्तर से की जाती है।उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत धर्म के आधार कार्रवाई किये जाने की कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं की जाती है क्योंकि आतंकवाद की परिभाषा राष्ट्र की सुरक्षा और राष्ट्र विरोधी गतिविधियां शामिल है तथा इस कानून का उपयोग भी इसी को ध्यान में रखकर किया जाता है।