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इंटरनेट डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो दिन पूर्व बयान दिया था की बाइडेन सरकार के समय भारत में इसलिए फंडिग हो रही थी की किसी और को चुनाव जीताया जाएं। आपको बता दें कि पिछले साल ही भारत में लोकसभा चुनाव हुए हैं। ऐसे में ट्रंप ने अमेरिकी फंडिंग का दावा कर हड़कंप मचा दिया है। अमेरिकी एजेंसी द्वारा भारत में वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए कथित तौर पर 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द किए जाने के बाद अब भारत सरकार हरकत में आ गई है।
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा
मीडिया रिपोटर्स की माने तो शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि देश के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की खबरें चिंताजनक है। सरकार ने कहा है कि इसे लेकर जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि बीते बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने यूसेड की फंडिंग को रद्द करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि इस पैसे का इस्तेमाल भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए किया गया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा अमेरिका की गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है। ये रिपोर्ट्स जाहिर तौर पर परेशान करने वाली हैं।
जांच कर रहे
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा है कि संबंधित विभाग और अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं और फिलहाल इस मामले पर सार्वजनिक टिप्पणी करना सही नहीं है। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के सरकारी दक्षता विभाग यानी डीओजीई ने 16 फरवरी को घोषणा की थी कि उसने कई परियोजनाओं सहित भारत को यूसेड फंडिंग को रद्द करने का फैसला लिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी फंडिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा, “हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता क्यों है? 21 मिलियन डॉलर! मुझे लगता है कि वे किसी और को चुनाव जिताने की कोशिश कर रहे थे।
pc- aaj tak
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