Money laundering case: मुंबई की अदालत ने दो व्यवसायियों को आरोप मुक्त करने की अनुमति दी

Samachar Jagat | Wednesday, 24 Aug 2022 03:39:38 PM
Money laundering case: Mumbai court allows two businessmen to be acquitted

मुंबई |  मुंबई की एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने बुधवार को धन शोधन के एक मामले में 'प्रेडिकेट अपराध’ नहीं होने के कारण दो कारोबारियों की आरोपमुक्त करने की याचिका को अनुमति दे दी। 'प्रेडिकेट अपराध’ ऐसा अपराध होता है जो किसी बड़े अपराध का हिस्सा होता है और अक्सर इसका संबंध धन शोधन से होता है। यह आदेश पिछले महीने उच्चतम न्यायालय द्बारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को 'प्रेडिकेट अपराध’ में आरोप मुक्त या बरी कर दिया जाता है तो पीएमएलए के आरोप भी खत्म हो जाते हैं।

इसलिए विशेष अदालत के पास अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत ओंकार रिलेटर्स एंड डेवलपर्स के शीर्ष अधिकारियों, दो आरोपियों बाबूलाल वर्मा और कमलकिशोर गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मामला मुंबई में एक हाउसिग सोसाइटी के विकास में झोपड़पट्टी पुनर्वासन प्राधिकरण (एसआरए) योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

कंपनी और दोनों अधिकारियों पर यस बैंक से 400 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण की ''हेराफ़ेरी’’ करने के भी आरोप हैं।धन शोधन का मामला महाराष्ट्र में औरंगाबाद पुलिस द्बारा दोनों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित था। पीएमएलए के प्रावधानों के अनुसार ईडी को गतिविधि में शामिल व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक पूर्व प्राथमिकी (प्रेडिकेट अपराध) की आवश्यकता होती है।



 

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