सीबीआई, ईडी के दुरुपयोग के पीछे प्रधानमंत्री नहीं, कुछ भाजपा नेताओं का हाथ: Mamata

Samachar Jagat | Tuesday, 20 Sep 2022 09:20:14 AM
Not PM, some BJP leaders behind misuse of CBI, ED: Mamata

कोलकाता | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कथित ज्यादतियों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। वर्ष 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार की घोर आलोचक रहीं बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का एक तबका अपने हित साधने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसियों की ’’ज्यादतियों’’ के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पर बोलते हुए बनर्जी ने प्रधानमंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि केंद्र सरकार का एजेंडा और उनकी पार्टी के हित आपस में न मिलें।

भाजपा ने प्रस्ताव का विरोध किया जिसे बाद में विधानसभा ने पारित कर दिया। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष बनर्जी ने कहा, ''वर्तमान केंद्र सरकार तानाशाहीपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है। यह प्रस्ताव किसी खास के खिलाफ नहीं है, बल्कि केंद्रीय एजेंसियों के पक्षपातपूर्ण कामकाज के खिलाफ है।’’ भाजपा ने कहा कि इस तरह का ’’सीबीआई और ईडी के खिलाफ प्रस्ताव’’ विधानसभा के नियमों के खिलाफ है। प्रस्ताव के पक्ष में 189 और विरोध में 69 मत पड़े।

सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां ​​राज्य में कई मामलों की जांच कर रही हैं, जिनमें तृणमूल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता आरोपी हैं। बनर्जी के बयान के बाद कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच ’’मौन समझ’’ सामने आई है। बनर्जी ने कहा, ’’हर दिन, भाजपा नेताओं द्बारा विपक्षी दलों के नेताओं को सीबीआई और ईडी से गिरफ्तार कराने की धमकी दी जा रही है। क्या केंद्रीय एजेंसियों को देश में इस तरह से काम करना चाहिए? मुझे नहीं लगता कि इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन कुछ भाजपा नेता हैं जो अपने हितों के लिए सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि सीबीआई, जो ’’प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती थी, अब वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है।’’
उल्लेखनीय है कि पूर्व में बनर्जी ने आरोप लगाया था कि मोदी सीबीआई और ईडी से राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करा रहे हैं। राज्य के भाजपा नेताओं का जिक्र करते हुए बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि वे सीबीआई अधिकारियों से उनके कार्यालय में अक्सर क्यों ''मिलते'' हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि व्यवसायी देश छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें ईडी और सीबीआई द्बारा परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ’’प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों की ज्यादतियों पर गौर करना चाहिए। प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र सरकार के कामकाज और उनकी पार्टी के हित आपस में न मिलें।’’

यह आरोप लगाते हुए कि विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी और कुछ अन्य केंद्रीय भाजपा नेता तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को परेशान करने की साजिश रच रहे हैं, बनर्जी ने आश्चर्य जताया कि सीबीआई या ईडी कभी इन लोगों को समन क्यों नहीं भेजती, जिनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले हैं। उन्होंने कहा, “हम एक चुनी हुई सरकार हैं। सिर्फ इसलिए कि भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव में बुरी तरह विफल रही, इसका मतलब यह नहीं है कि वे केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके और कोष को रोककर हमें परेशान करते रहेंगे।’’

अधिकारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बनर्जी प्रधानमंत्री की प्रशंसा करके और पार्टी के अन्य नेताओं पर आरोप लगाकर भाजपा में दरार डालने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, ’’भ्रष्टाचार के मामलों में अपने नेताओं की गिरफ्तारी के बाद से तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। वे अब एक स्वतंत्र एजेंसी को बदनाम करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के प्रति 'कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति रखते हैं। तृणमूल कांग्रेस अपने पापों से बच नहीं सकती।’’

बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ’’तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मौन समझ खुले में है। यह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि एक विचारधारा के खिलाफ लड़ाई है। तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही विपक्षी खेमे की सबसे कमजोर कड़ी रही है।’’ माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि विरोधी खेमे में खलबली मचाना बनर्जी की ''पुरानी तरकीब'' है। उन्होंने कहा, ’’यह कोई नयी बात नहीं है। राज्य में वाम मोर्चा सरकार के दौरान, तृणमूल कांग्रेस ने केरल माकपा को बंगाल माकपा से बेहतर कहकर इसी तरह की तरकीब अपनाने की कोशिश की थी। यह टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मौन समझ को भी दर्शाती है।’’



 

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