कोच्चि | केरल उच्च न्यायालय ने वाम सरकार और राज्य पुलिस से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें विरोध जताने के लिए काले झंडे लहराने पर गिरफ्तारी और हिरासत में लिए जाने को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चैल की खंडपीठ ने केरल सरकार, राज्य पुलिस प्रमुख औरपलारीवट्टोम पुलिस थाने के प्रभारी (एसएचओ) को नोटिस जारी कर याचिका के संबंध में रुख स्पष्ट करने को कहा है।याचिका में, विरोध जताने के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को काले झंडे दिखाने के आरोप में जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए, उनको मुआवजा देने की मांग भी की गई है।
इसके अलावा, याचिका में उन अधिकारियों के कथित पेशेवर कदाचार की भी जांच की मांग की गई है, जिन्होंने 11 जून को दो ट्रांसजेंडर को एहतियाती तौर पर तब हिरासत में लिया था जब वे काले रंग की पोशाक पहनकर यहां कलूर मेट्रो स्टेशन पहुंचे थे। ऐसा संदेह था कि वे वहां विरोध-प्रदर्शन करने गए थे।उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और पुलिस के वकील को सभी सहायक दस्तावेजों के साथ एक बयान या जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को 11 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।