बेंगलुरु : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संत-कवि कनक दास की जयंती के मौके पर यहां विधान सौध के पास विधायक गृह परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने परिसर में रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की। कनक दास का जन्म आज ही के दिन 1509 में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम थिम्मप्पा नायक रखा था।
हर साल उनकी जयंती को 'कनक जयंती’ के तौर पर मनाया जाता है और इस दिन क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश होता है। 'कीर्तन’ और 'उगाभोग’ (कन्नड़ भाषा की संगीत रचनाएं) के लिए उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की। कागिनेले कनक गुरु पीठ के निरंजनानंद पुरी स्वामीजी और वाल्मीकि प्रसन्नानंद स्वामीजी के अलावा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, मंत्रिमंडल के कई सदस्य, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े केगेरी भी मौके पर मौजूद रहे। कनक दास और वाल्मीकि राज्य में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, खासकर कुरुबा और वाल्मीकि (एसटी) समुदायों के बीच।
प्रधानमंत्री मोदी के इन दोनों को श्रद्धांजिल अर्पित करने के इस कार्यक्रम के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में कुरुबा और वाल्मीकि समुदाय कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। मोदी शुक्रवार सुबह बेंगलुरु के एचएएल हवाई अड्डे पहुंचे, जहां कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, मंत्रिमंडल के कई सदस्यों, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य बी. एस. येदियुरप्पा, पार्टी के विधायकों और अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।