President मुर्मू ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में केरल की उपलब्धियों की प्रशंसा की

Samachar Jagat | Friday, 17 Mar 2023 05:10:17 PM
President Murmu lauds Kerala's achievements in the field of women empowerment

 तिरुवनंतपुरम : राष्ट्रपति के तौर पर पहली बार केरल का दौरा कर रहीं द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिलाओं और गरीबों के सशक्तिकरण के मामले में दक्षिणी राज्य द्बारा हासिल की गई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि यह कई मानव विकास सूचकांकों पर राज्य के बेहतर प्रदर्शन में परिलक्षित हुआ है।मुर्मू ने कहा कि केरल में लिगानुपात देश में अब तक सबसे अच्छा है  और यहां साक्षरता दर भी सबसे अधिक है, जिसमें महिला साक्षरता भी शामिल है।

मुर्मू ने कहा कि मातृ स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और शिशु मृत्यु दर को रोकने के मानकों पर केरल का प्रदर्शन देश में सबसे अच्छा है। राष्ट्रपति ने कहा, ''मेरा मानना है कि जब महिलाओं को किसी भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जाती हैं, तो उस समाज की समग्र बेहतरी पर इसका असर होता है। केरल में महिलाएं अधिक शिक्षित और सशक्त हुई हैं, जो कई मानव विकास सूचकांकों पर केरल के बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है।’’ राष्ट्रपति यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ''रचना के माध्यम से कुदुम्बश्रीअ25: केरल में महिलाओं की समकालीन कहानियां; और अनुसूचित जनजाति के व्यापक विकास के लिए 'उन्नति’ का उद्घाटन करने के बाद बोल रही थीं। इस कार्यक्रम में राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन भी मौजूद थे।

मुर्मू ने कहा, ''केरल में महिला सशक्तिकरण की उच्च परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, 'कुदुम्बश्री' दुनिया में महिलाओं के सबसे बड़े स्वयं सहायता नेटवर्क में से एक बन गया है। मैं कुदुम्बश्री के रजत जयंती समारोह के उद्घाटन का आयोजन करने के लिए केरल सरकार को धन्यवाद देती हूं।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि यह भारत-र‘ अटल बिहारी वाजपेयी की दृष्टि और संवेदनशीलता को कृतज्ञतापूर्वक याद करने का अवसर भी है, जिन्होंने 1998 में प्रधानमंत्री रहते हुए कुदुम्बश्री का शुभारंभ किया था।

मुर्मू ने कहा कि वह केरल के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के निवासियों के विकास के लिए यहां शुरू किए गए कार्यक्रम 'उन्नति' से जुड़कर खुश हैं। उन्होंने कहा, ’’उन्नति' या 'केरल एम्पावरमेंट सोसाइटी' अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित युवाओं के बीच रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर उत्पन्न करना चाहती है। मैं इस पहल को समावेशी विकास के उसके प्रयासों में सफलता की कामना करती हूं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण को आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्रों में सहायक पहलों के साथ उच्च प्राथमिकता दी जाती है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि केरल के लोगों का महानगरीय दृष्टिकोण अनुकरणीय है। उन्होंने कहा, ''केरल में सभी धर्मों के लोग सद्भाव से एकसाथ रह रहे हैं तथा वे इस खूबसूरत राज्य की भाषा और संस्कृति से बंधे हुए हैं।’’ मुर्मू ने कहा कि केरल के सामाजिक ताने-बाने के हर हिस्से में इतिहास के विभिन्न कालखंडों में महिला सशक्तिकरण के चमकते आदर्श हैं।

उन्होंने कहा, ''उन्नियार्चा ने मार्शल आर्ट के माध्यम से स्वयं सहायता का एक अनुकरणीय उदाहरण स्थापित किया है। वह केरल के लोकगीतों में अमर हैं। नंगेली ने दलित महिलाओं पर थोपी गई अनुचित प्रथाओं के विरोध में अपना जीवन बलिदान कर दिया। संघर्ष करने वालों की पीढ़ियां अभी भी उनसे प्रेरणा लेती हैं जो सामाजिक सम्मान और न्याय के लिए लड़े।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं जिनमें से तीन केरल से थीं। मुर्मू ने कहा, ''अम्मू स्वामीनाथन, दक्षायनी वेलायुधन और एनी मैस्करीन अपने समय से बहुत आगे थीं। दक्षायनी वेलायुधन संविधान सभा के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र दलित महिला थीं।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं। उन्होंने कहा, ''वह 1956 में केरल उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनीं, 1965 में डेम एलिजाबेथ लेन के ब्रिटेन में उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनने से बहुत पहले। न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी ने उच्चतम न्यायालय में पहली महिला न्यायाधीश बनकर इतिहास रचा।’’

आदिवासी महिला नानचियम्मा को सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलने का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने देश की हर एक महिला को प्रेरित किया है, विशेष रूप से हमारे समाज के वंचित वर्गों से आने वाली महिलाओं को। राष्ट्रपति ने कहा, ''मैं इस साल केरल की गणतंत्र दिवस की झांकी देखकर बहुत प्रभावित हुई, जिसमें 'नारी-शक्ति' का प्रदर्शन किया गया था।खेलों को करियर के रूप चुनने और भारत का नाम रौशन करने में 'पय्योली एक्सप्रेस' पी टी उषा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा रही हैं।’’ 



 


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