इंटरनेट डेस्क। महाराष्ट्र के मराठा साम्राज्य के वीर प्रतापी शासक रहे वीर शिवाजी की गाथा और उनके योगदान व उनकी जीवनी पर कई संस्मरण व किताबें लिखने वाले लेखक व मशहूर इतिहासकार शिवशहर बालासाहेब पुरुंदरे का आज सोमवार सुबह निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते उन्हें श्रद्धांजलि दी। निधन के बाद आज सोमवार को पुणे में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में राज्य के लोग मौजूद रहे। वहीं महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधि भी पहुंचे।
एएनआई न्यूज एजेंसी के अनुसार, बालासाहेब पुरुंदरे के निधन पर पीएम मोदी ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए शोक जताया। महाराष्ट्र के दिग्गज़ व शीर्ष इतिहासकारों में से एक रहे शिवशहर बालासाहेब का पूरा नाम बलवंत मोरेश्वर पुरुंदरे था। उन्होंने 99 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र के पुणे स्थिति दीनानाथ मंगेसरकर मेमोरियल अस्पताल में आज सुबह तड़के दम तोड़ दिया।
वर्ष 2019 में मोदी सरकार की ओर से पुरुंदरे को उनके ऐतिहासिक योगदान व राज्य के शीर्ष महापुरुषों की जीवनी को किताब का रूप देने के लिए जाना जाता है। वीर शिवाजी पर उन्होंने कई किताबी लिखीं। शिवाजी की जीवनी को लेकर ही उनका ज्यादातर लेखन रहा। यही वजह थी कि उन्हें शिव शहर नाम उपाधि स्वरूप मिला।
2015 में बालासाहेब पुरुंदरे को महाराष्ट्र सरकार का सर्वोच्च नागरिक सम्मान महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड भी मिल चुका था। उन्होंने अपना ज्यादातर लेखन मराठी भाषा में ही किया था। हालांकि उनके लेखन को हिन्दी, अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में अन्य लेखकों द्वारा अनुवाद भी किया गया था।
हालांकि महाराष्ट्र के वीर शिवाजी की जीवनी को लेकर लिखे गए उनके कुछ अंशों को लेकर महाराष्ट्र के ही राजनीतिक लोगों ने उनका विरोध भी किया था। कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का कहना था कि उन्होंने अपने लेखन से मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है। यही वजह थी कि जब उन्होंने महाराष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान से 2015 में नवाजा गया तो कई पार्टियों ने उनका विरोध भी किया।
पीएम मोदी ने लिखा कि शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे मजाकिया, बुद्धिमान और भारतीय इतिहास का समृद्ध ज्ञान रखते थे। वर्षों से मुझे उनके साथ बहुत निकटता से बातचीत करने का सम्मान मिला है। कुछ महीने पहले उन्होंने अपने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम को संबोधित किया था।