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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में राज्य प्रशासनिक सेवा के शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार में शामिल होने के मामले लगतार बढ़ते जा रहे हैं। रिश्वतखोरी बढ़ती जा रही है। लेकिन इतना भी क्या करप्ट होना कि आप राज्य के सीएम के सामने ही रिश्वत लेने लग जाओ। और वो भी तब जब आपके राज्य का सीएम आपसे उसी मुद्दे पर बात कर रहा हो। राजस्थान के दौसा जिले की बांदीकुई की एसडीएम पिंकी मीणा के तो रिश्वतखोरी में हौसले इतने बुलंद निकले कि वो राज्य के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान ही रिश्वत लेने लगी। हालांकि उनकी पोल भी उसी मीटिंग में खुल गई। भ्रष्टाचार का पुल बनने से पहले ही ढह गया।
मामले में बताया जा रहा है कि पिंकी मीणा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में शामिल थीं, तभी उन्हें जमीन अधिग्रहण के 10 लाख रुपये घूस देने के लिए कंपनी का फोन आ गया और इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं मीटिंग से निकलने के बाद मिलती हूं। पिंकी मीणा राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) 2017 परीक्षा के तहत उपजिला कलक्टर के पद पर चुनी गई थी। बांदीकुई में उनकी ये पहली ही पोस्टिंग थी।
इस मामले में सबसे बड़ी बात ये रही कि एसडीएम को पता ही नहीं चला कि आखिर हो क्या रहा है। उसके मीटिंग में निकलते ही एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने उन्हें वहीं से रंगें हाथों गिरफ्तार भी कर लिया। इस मीटिंग के दौरान ही एक अन्य रिटायर्ड एसपी को भी फोन पर रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।