जगदलपु | छत्तीसगढ में खनिज विकास निगम के नगरनार इस्पात संयंत्र के डीमर्जर को एनएमडीसी के शेयरहोल्डर और लेनदारों ने अपनी मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब ये तय हो गया है कि नगरनार इस्पात संयंत्र एनएमडीसी से अलग होकर अलग से कंपनी के रूप में स्थापित होगी। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को दिल्ली में एनएमडीसी के शेयर होल्डर्स और लेनदारों की बैठकें हुई, जिसमें उन्होंने नगरनार इस्पात संयंत्र को एनएमडीसी से डीमर्ज करने पर अपनी सहमति दे दी। इसके बाद अब प्लांट के डीमर्जर की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इधर सितंबर से स्टील प्लांट में उत्पादन शुरू करने का दावा भी किया जा रहा है।
इसी क्रम में प्लांट के अलग-अलग हिस्सों की कमीशनिग भी की जा रही है। नगरनार में एनएमडीसी ने 30 लाख टन सालाना ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट के करीब 7 साल की देरी के बाद सितंबर के आखिर तक इसे चालू करने की संभावना जताई जा रही है। इस साल मई तक 20240 करोड़ रुपए के खर्च के बाद कमीशनिग में करीब 17०० करोड़ और खर्च होने की संभावना है, जिससे परियोजना की लागत 7000 करोड़ रुपए तक बढ़ गई है।
खनिज विकास निगम के सीएमडी सुमित देब ने नगरनार इस्पात संयंत्र के डीमर्जर की घोषणा की है। मंगलवार को दिल्ली में एनएमडीसी के शेयरहोल्डर्स व पीआईवी लेनदारों की अलग- अलग बैठक. केंद्रीय इस्पात मंत्रालय ने ली । बैठकों में शेयरहोल्डर्स व लेनदारों ने एनएमडीसी से प्लांट को अलग कर अलग कंपनी बनाने पर अपनी सहमति दे दी , जिसके बाद अब जीमर्जर की प्रक्रिया तेज हो गई है । देख ने बताया कि एनएमडीसी से नगरनार इस्पात संयंत्र को अलग , करने की प्रक्रिया अभी जारी है ।
नगरनार इस्पात संयंत्र में सालाना 330 टन स्टील का होगा उत्पादन खनिज विकास निगम नगरनार में 30 लाख टन सालाना उत्पादन वाला इंस्पात संयंत्र स्थापित कर रही है। यूनिट का निर्माण 23140 करोड़ से 2180 एकड़ में से 1980 एकड़ में किया जा रहा है। यहां हॉट-रोल्ड कॉइल और ऑटो-ग्रेड स्टील, यूनिट एपीआई पाइप के लिए विभिन्न ग्रेड का उत्पादन करेगी, जिसका उपयोग आधुनिक बुनियादी ढांचे और एलपीजी सिलेंडर बनाने में होगा।