भोपाल | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने आज स्मार्ट सिटी पार्क, श्यामला हिल्स में मौलश्री, नीम और कचनार के पौधे लगाए। श्री चौहान के साथ सामाजिक संस्थाओं के सदस्य और विद्यार्थियों ने भी पौध-रोपण किया। केनियन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका और बालिकाओं ने भी पौधे लगाए। विद्यालय द्बारा पर्यावरण-संरक्षण के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। श्रीमती एस.वी. नागामणी, कृष्णा शर्मा, पर्युल, आर्यन ठाकुर, हर्ष सोनी, हर्षवर्धन सिसोदिया, कुमारी लवी सोनी, कनिष्का यादव, पल्लवी सिसौदिया, शैलजा चतुर्वेदी, माही वाजपेयी, सौरभ सक्सेना पौध-रोपण में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ भोपाल के गांधी नगर क्षेत्र के समाजसेवी योगेश वासवानी ने भी अपने जन्म-दिवस पर पौधा लगाया। महावीर सिह, शमशेर सिह और अभय तिवारी भी पौध-रोपण में शामिल हुए।
श्री चौहान ने स्कूली बालिकाओं (भांजियों) से बातचीत भी की। उन्होंने बालिकाओं से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा बालिकाओं ने बताया कि वे नियमित रूप से अध्ययन कर रही हैं। मामा, आप बताएँ कि आपको इतना कार्य करने की प्रेरणा कहाँ से मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेरणा अंतरात्मा से मिलती है। श्री चौहान ने बालिकाओं को युधिष्ठिर और यक्ष के मध्य हुए संवाद की कथा सुनाई, जिसमें कहा गया है कि जितना भी जीवन है वह सार्थक हो। जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाया जाए। युधिष्ठिर और यक्ष की कथा में वर्णित बातचीत के प्रसंगों में पूछे गए एक प्रश्न संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है का उत्तर है कि जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्यंभावी है, लेकिन मनुष्य का व्यवहार ऐसा होता है कि मानो वह यहाँ सदैव रहने के लिए आया है। इसलिए मनुष्य को जितना जीवन है, सद्कार्यों में लगाना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि मनुष्य सिर्फ हाड़-माँस का पुतला नहीं बल्कि अनंत शक्तियों का स्वामी है। वह जो चाहे बन सकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई मेडिकल की हो, इंजीनियरिग की हो या कोई अन्य, पहले रोडमेप बनाएँ फिर परिश्रम करें। ढè निश्चय से सफलता की मंजिल पर पहुँचा जा सकता हैं। आज लगाया गया मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। कचनार सुंदर फूलों वाला वृक्ष है। प्रकृति ने कई पेड़-पौधों को औषधीय गुणों से भरपूर रखा है, इन्हीं में से कचनार एक है।