उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र को 20 खुले आश्रय का प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दी

Samachar Jagat | Thursday, 26 May 2022 04:05:16 PM
Supreme Court allows Maharashtra to submit proposals for 20 open shelters

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को सड़कों पर रह रहे बच्चों (सीआईएसएस) को समुदाय-आधारित सुविधाएं मुहैया कराने की खातिर 2022-23 के लिए बाल सुरक्षा सेवा (सीपीएस) के तहत 20 खुले आश्रय स्थापित करने का प्रस्ताव पेश करने की अनुमति दे दी है।


न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार सीपीएस योजना के तहत मंजूरी का अनुरोध करने के अलावा खुले आश्रय स्थापित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भी आवेदन दे।


पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह आवेदन मिलने की तारीख के दो महीने के भीतर फैसला करे और अपनी अनुमति दे। न्यायालय ने 19 मई के अपने आदेश में कहा है, ''महाराष्ट्र को आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर वित्त वर्ष 2022-2023 के लिए 20 खुले आश्रय शुरू करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अनुमति है। केंद्र सरकार आवेदन प्राप्त होने की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर निर्णय लेगी और अपना अनुमोदन प्रदान करेगी।’’


शीर्ष अदालत ने उल्लेख किया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) द्बारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में लगभग 5,000 सीआईएसएस की पहचान की गई है और वह सीआईएसएस को समुदाय-आधारित सुविधाएं प्रदान करने के लिए खुले आश्रय स्थापित करने का इरादा रखता है।


इससे पहले, न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को बेसहारा बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए एनसीपीसीआर द्बारा तैयार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि अब तक उठाए गए कदम संतोषजनक नहीं हैं और बच्चों को बचाने का काम अस्थायी नहीं होना चाहिए। उसने कहा था कि इन बच्चों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। 



 

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