नयी दिल्ली | उच्चतम न्यायालय शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की उस याचिका पर शाम पांच बजे सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल द्बारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी गयी है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिघवी की उन दलीलों पर संज्ञान लिया कि राज्यपाल भगत सिह कोश्यारी द्बारा एमवीए सरकार को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए दिए गए आदेश के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। पीठ ने कहा, ''हम शाम पांच बजे सुनवाई करेंगे। कृपया यह सुनिश्चित करिए कि संबंधित पक्षों को शाम तीन बजे तक कागजात दे दिए जाए।’’
पीठ के सुनवाई शुरू करने पर प्रभु की ओर से पेश सिघवी ने राज्यपाल द्बारा कल के लिए ''गैरकानूनी शक्ति परीक्षण’’ कराने के आदेश पर रोक के लिए उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। सिघवी ने कहा कि अगर शक्ति परीक्षण होता है तो अयोग्य ठहराने की कार्रवाई का सामना कर रहे विधायकों के मतों को भी गैरकानूनी रूप से गिना जाएगा और इसमें उन विधायकों के नाम शामिल नहीं किए जा सकते जो ''दागी’’ हैं। उन्होंने कहा, ''शक्ति परीक्षण में उन लोगों के नाम शामिल नहीं किए जा सकते जो दागी हैं। मैं देर शाम को सुनवाई चाहता हूं। जिन मतों को गिना नही जा सकता है, उन्हें गिना जाएगा। पूरी कवायद व्यर्थ होगी।’’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें मामले पर शाम पांच बजे सुनवाई किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है और वह सुनवाई में राज्यपाल का प्रतिनिधित्व करेंगे। एकनाथराव शिदे की अगुवाई वाले बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने मामले पर तत्काल सुनवाई किए जाने पर आपत्ति जतायी और बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया। इसके बाद पीठ ने कहा, ''हम उनके पक्ष में फैसला करें या नहीं, लेकिन उन्हें सुने जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। तत्काल सुनवाई की अनुमति दी जानी चाहिए।’’
गौरतलब है कि कोश्यारी ने महाराष्ट्र के विधानभवन के सचिव को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है।राज्यपाल का यह आदेश वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिदे द्बारा सत्तारूढ़ शिवसेना से बगावत के बीच आया है। शिदे पार्टी के ज्यादातर विधायकों और कई निर्दलीय विधायकों के साथ पिछले सप्ताह से गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं, जिससे ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार संकट में घिर गयी है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्बारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया।