मुंबई। केन्द्र सरकार के 500 और 1000 रूपयें के प्रतिबंध के संबंध में राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद द्वारा बैंक की लाइन में खडे 40 लोगों की मौत को शहीद होने के वक्तब्य पर शिव सेना ने आजाद का आज समर्थन करते हुए सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जमकर खिंचाई की।
पार्टी के मुखपत्र सामना के आज के संपादकीय में लिखा गया है कि आजाद के बयान पर भाजपा ने इसे शहीदों का अपमान बताया और वेंकैया नायडू ने श्री आजाद से माफी मांगने की मांग तक कर डाली। यदि शहीदों का अपमान हुआ है तो माफी मांगनी ही चाहिए और आजाद ऐसे राष्ट्रभक्त हैं कि वह शहीदों के अपमान पर अपने शब्द वापस लेने में संकोच नहीं करेंगे यदि यह सच भी है तो क्या आजाद के माफी मांगने से स्थिति बदलने वाली है ।
आगे लिखा है कि उरी में 20 जवान शहीद हुए थे लेकिन नोटबंदी में 40 शूरवीर देश भक्तों ने अपना बलिदान दिया है। उरी में मारे गये जवानों के जैसे 40 लोगो के बलिदान का मूल्य नहीं है क्या। यह जनता के मन का सादा सवाल है। नोट पर प्रतिबंध लगाने वाले सभी छोटे बड़े नेता कह रहे हैं कि लाइन में खड़े सभी देश भक्त हैं लेकिन यह कोई नहीं कर रहा है कि कितने लोगों की नौकरी गयी कितनों का घर परिवार नहीं चल पा रहा है और कुछ भी बोल नहीं रहे हैं क्या वहीं शूरवीर हैं।
शिव सेना ने कहा कि बैंक की लाइन में खड़े होने से 40 मरे हैं उन्हें शहीद ही मानना होगा और उनका स्मारक बना
कर जनता को प्रेरणा देनी होगी। सरकार को मरने वालों के हर एक परिवार को 50 लाख रूपये मदद देने की सरकार घोषणा करे। संपादकीय में आगे लिखा है कि बैंक के कतार में खड़े सवा सौ करोड़ लोगों को स्वतंत्रा सेनानी का दर्जा और पेंशन देने की योजना जैसे कोई बिल यदि श्री नायडू सदन में लाते हैं तो आजाद उसे बिना शर्त मंजूर करा लेंगे।