इंटरनेट डेस्क। किसान आंदोलन के बाद ट्विटर पर उपजे तनाव के बाद माहौल थोड़ा गर्मा गया है। क्योंकि केंद्र सरकार के आदेश पर ट्विटर ने बीते 10 दिनों में कई अकाउंट्स को ब्लॉक किया है लेकिन किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले कुछ मीडिया समूहों, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्ष के कुछ राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट पर रोक लगाने से ट्विटर ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
An update on our work to protect the public conversation in recent weeks in India. https://t.co/DNKjCup2j6
— Twitter India (@TwitterIndia) February 10, 2021
आज बुधवार को लिखे गए ब्लॉग पोस्ट में ट्विटर ने दुनिया भर में फ्री स्पीच के लिए पैदा हो रहे खतरे को लेकर भी चिंता जताई है। ट्विटर ने कहा है कि दुनिया भर में इंटरनेट और खुली अभिव्यक्ति के सामने चुनौती पैदा हुई है। बीते दिनों नई दिल्ली में हुई हिंसा के बाद यह बताना चाहते हैं कि भारत में हमारे सिद्धांत और नियम क्या हैं। ट्विटर पूरी दुनिया में अभिव्यक्ति की आजादी के माहौल को बेहतर करना चाहता है।

ट्विटर ने इस संबंध में अपना आधिकारिक बयान भी दिया है जिसमें ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि हमने इन अकाउंट्स पर इसलिए रोक नहीं लगाई थी क्योंकि हमारा मानना है कि इससे भारतीय कानून के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित होगी। ट्विटर ने अपनी एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि हमने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मिनिस्ट्री को अपनी ओर से लिए गए एक्शन के बारे में जानकारी दे दी है। हम भारत सरकार से लगातार बातचीत करते रहेंगे। ट्विटर की ओर से यह प्रतिक्रिया ऐसे समय भी आई है जब केंद्र सरकार और सोशल मीडिया कंपनी के बीच विवाद की खबरें चल रही थीं।

दरअसल ट्विटर पर आरोप लग रहा था कि केंद्र सरकार ने उसे 250 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था, लेकिन कंपनी ने कोई ऐक्शन नहीं लिया गया था। कहा गया था कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद ट्विटर ने इन अकाउंट्स को कुछ घंटे के लिए ही ब्लॉक किया था। इस पर केंद्र सरकार की ओर से ट्विटर को कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी। सरकार और ट्विटर में चल रहे मतभेदों के बीच सोशल मीडिया कंपनी के अधिकारियों ने आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद से मुलाकात के लिए समय मांगा था। ट्विटर ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।