स्पोर्ट्स डेस्क। देश के दिग्गज़ बैडमिंटन खिलाड़ी और बेहतरीन कोच पुलेला गोपीचंद की आत्मकथा शटलर्स फ्लिक का विमोचन हैदराबाद में हुए एक कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के नागरिक प्रशासन मंत्री के. तारक रामाराव (केटीआर) ने किया। देश को अपनी कोचिंग के जरिये बैडमिंटन में कई तीन ओलंपिक पदक दिलाने वाले स्टार कोच और पूर्ऴ खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद ने सह कथाकार प्रिया कुमार के साथ मिलकर अपनी आत्मकथा शटलर्स फ्लिक को एक किताब का रूप दिया है। गोपीचंद की आटोबायोग्राफी में पाठकों को उनके करियर के उतार-चढ़ाव व संघर्ष से सफलता तक का बेहतरीन अंदाज में जिक्र किया है।
पुलेला गोपीचंद की आत्मकथा का विमोचन करते हुए आंध्र प्रदेश के नागरिक प्रशासन मंत्री केटीआर ने कहा कि पुलेला गोपीचंद युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं। उन्होंने देश को कई बैडमिंटन स्टार दिये हैं। दो ओलंपिक पदक विजेता पी.वी सिंधु, ओलंपिक कांस्य विजेता साइना नेहवाल, पारुपल्ली कश्यप सहित देश के कई स्टार खिलाड़ियों को उन्होंने बेहतरीन कोचिंग के जरिये दुनियाभर में लोकप्रिय बनाया है।
गोपीचंद की आत्मकथा में 25 जनवरी, 1994 में के एक दिन का खास तरीके से विश्लेषण किया गया है जो गोपीचंद के जीवन का बहुत खास दिन था। इस दौरान वे चोटिल हो गए थे। घुटना चोटिल हो जाने के कारण उनके करियर पर सवालिया निशान लगाए जाने लगे थे। लेकिन गोपीचंद इन तमाम कठिनाइयों से घबराये नहीं बल्कि साहस और जज्बे से उन्होंने चोट से उबरकर आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर सबकी बोलती बंद कर दी थी। 1996 और 2001 में उन्होंने दो बार आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती। इस टूर्नामेंट को दो बार जीतने वाले वे एकमात्र बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। गोपीचंद को खेल का सर्वोच्च पुरस्कार खेल रत्न भी प्रदान किया गया है।