World Cup: तोक्यो में मिली हार का इंग्लैंड से बदला लेने उतरेगी भारतीय महिला हॉकी टीम

Samachar Jagat | Saturday, 02 Jul 2022 01:09:59 PM
World Cup: Indian women's hockey team will take revenge from England for the defeat in Tokyo

एम्सटेलवीन |  उम्मीदों के सरमाये में आत्मविश्वास से भरी भारतीय महिला हॉकी टीम विश्व कप के पूल बी के अपने पहले मुकाबले में रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगी तो उसका इरादा तोक्यो में मिली हार का बदला चुकता करने का होगा ।
तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के मुकाबले में इंग्लैंड ने भारत को 4 . 3 से हराकर ऐतिहासिक पदक जीतने से वंचित कर दिया था ।

विश्व कप के पहले भारतीय टीम के हौसले बुलंद है चूंकि वह एफआईएच प्रो लीग में पहली बार खेलते हुए तीसरे स्थान पर रही ।
विश्व कप में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1974 में पहले ही सत्र में रहा जब टीम चौथे स्थान पर रही थी । तोक्यो में चौथे स्थान पर रहने के बाद हालांकि भारतीय महिला टीम के प्रदर्शन का ग्राफ ऊंचा ही जा रहा है । मई में भारतीय टीम एफआईएच रैंकिग में छठे स्थान पर पहुंची जो उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है । इसके अलावा प्रो लीग में बड़ी टीमों को कड़ी चुनौती दी । भारतीय टीम एफआईएच प्रो लीग में बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से आगे रही ।

अनुभवी गोलकीपर सविता पूनिया ने कमान बखूबी संभाली है । चोट के कारण रानी रामपाल तोक्यो ओलंपिक के बाद से टीम से बाहर हे । सविता खुद शानदार फॉर्म में हैं और उनका साथ देने के लिये युवा गोलकीपर बिछू देवी खारीबाम है ।डिफेंस में उपकप्तान दीप ग्रेस इक्का, गुरजीत कौर, उदिता और निक्की प्रधान होंगे जबकि मिडफील्ड की जिम्मेदारी सुशीला चानू, नेहा गोयल, नवजोत कौर , सोनिका, ज्योति , निशा , मोनिका पर होगी ।

सलीमा टेटे भी बेहतरीन फॉर्म में हैं और प्लेमेकर की भूमिका निभायेंगी । आक्रमण का जिम्मा वंदना कटारिया, लालरेम्सियामी, नवनीत कौर और शर्मिला देवी पर होगा । पुख्ता तैयारियों के बावजूद भारत को रानी रामपाल के अनुभव की कमी खलेगी । भारत 2018 विश्व कप में आठवें स्थान पर रहा था लेकिन इस बार टीम की नजरें पोडियम पर खड़े रहने पर है । मौजूदा फॉर्म और नतीजों को देखते हुए यह असंभव भी नहीं लगता ।

भारत की मुख्य कोच यानेके शॉपमैन खिलाड़ियों की क्षमता से बखूबी वाकिफ हैं । उन्होंने कहा ,'' अगर हम अपनी क्षमता के अनुरूप खेल रहे और लगातार खेल सके तो कुछ भी संभव है । महिला हॉकी में इस समय कोई भी टीम किसी भी टीम को हरा सकती है ।लेकिन सबसे जरूरी है प्रदर्शन में निरंतरता ।’’इंग्लैंड की टीम ने 2010 में रोसारियो में हुए विश्व कप में कांस्य पदक जीता था और सिडनी में 1990 में चौथे स्थान पर रही थी । विश्व रैंकिग में वह अभी चौथे स्थान पर है । 



 

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