माउंट आबू न केवल ‘डेजर्ट-स्टेट’ कहा जाने वाले राजस्थान का इकलौता ‘हिल स्टेशन’ है, बल्कि गुजरात के लिए भी ‘हिल स्टेशन’ की कमी को पूरा करने वाला ”सांझा पर्वतीय स्थल” है। माउंट आबू कभी राजस्थान की जबरदस्त गर्मी से बदहाल पूर्व राजघरानों के सदस्यों का ‘समर-रिसोर्ट’ हुआ करता था। कालांतर में इसे ”हिल ऑफ विजडम” भी कहा जाने लगा क्योंकि इससे जुड़ी कई धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं ने इसे एक धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में भी विख्यात कर दिया है। यह हिल स्टेशन देश भर के पर्यटकों का पसंदीदा सैरगाह बन गया है।
खूबसूरत के साथ ही खतरनाक हैं ये झरने
नक्की झील :-
राजस्थान के माउंट आबू में 3937 फुट की ऊंचाई पर स्थित नक्की झील लगभग ढाई किलोमीटर के दायरे में पसरी है, जहां बोटिंग करने का लुत्फ अलग ही है। हरीभरी वादियां, खजूर के वृक्षों की कतारें, पहाड़ियों से घिरी झील और झील के बीच आईलैंड, कुल मिलाकर देखें तो सारा दृश्य बहुत ही मनमोहक है।
दिलवाडा जैन मंदिरः-
11वीं से 13वीं सदी के बीच बना मारबल का ये नक्काशीदार जैन मंदिर स्थापत्य कला की बेहतरीन मिसाल है। इनमें विमल वासाही और लूणवसहि मंदिर सबसे पुराने है। यहां वास्तुकला की अद्भुत कारीगरी देखने योग्य है।
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म्यूजियम और आर्ट गैलरीः-
राज भवन परिसर में 1962 में गवर्नमेंट म्यूजियम स्थापित किया गया है, ताकि इस इलाके की पुरातात्विक संपदा को संरक्षित किया जा सके। यहां कांसे और पीतल पर नक्काशी के काम देखने लायक हैं।
गुरु-शिखर :-
यह अरावली पर्वत की सबसे ऊंची चोटी है, गुरु शिखर समुद्र तल से करीब 1,722 मीटर ऊंचा है। इस शिखर से नीचे और आसपास का नजारा देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
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