बीमा पॉलिसी को खरीदने से पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर बीमा है क्या? फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि जो बीमा पॉलिसी आप खरीद रहे हैं वो किस प्रकार है। क्योंकि जब बीमा पॉलिसी खरीदने की बात होती है तो लोगों के मन में अनेक तरह की भ्रांतियां होती हैं। तो चलिए आज आज हम इससे जुड़ी कुछ ऐसी बाते आपको बताएंगें जो आपके जरुर काम में आएगी।
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कई लोगों के मन में ये धारणा होती है कि अगर कोई और उनकी कार चला रहा हो और एक्सीडेन्ट हो जाए तो इन्श्योरेंस क्लेम नहीं मिलेगा, जबकि असल में ऐसा नहीं है। ये उस बीमा कंपनी पॉलिसी पर डिपेन्ड करता है कि आपको क्लेम मिलेगा या नहीं। क्योंकि कुछ कंपनियां केवल गाड़ी के डैमेज होने की बात को देखती हैं जबकि कुछ की शर्तों के अनुसार कार मालिक के गाड़ी चलाने के दौरान एक्सीडेन्ट होने पर ही क्लेम का भुगतान करती है।
कई बार ये बात एक्सीडेन्ट के प्रकार पर भी निर्भर करती है। कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि गाड़ी के रंग का भी बीमा क्लेम पर असर पड़ता है। क्योंकि लाल रंग की गाड़ियों के लिए ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ता है जबकि इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। इसकी जगह कुछ अन्य महत्वपूर्ण चीजें हैं जिनका असर इस बात पर जरूर देखने में आता है। जैसे- कार कितनी पुरानी है, कार का इससे पहले कितनी बार एक्सीडेन्ट हुआ है और कितनों का क्लेम मिला, बनावट, इंजन और इसका आकार।
आमतौर पर देखा जाता है कि खरीददार एक सम्पूर्ण बीमा पॉलिसी खरीदने से हमेशा बचने की कोशिश करते हैं। क्योंकि वे मानते हैं कि वे बहुत बढ़िया ड्राइविंग करते हैं। लिहाजा उन्हें इसकी कोई जरूरत नहीं है। लेकिन उनका तर्क पूरी तरह अर्थहीन है क्योंकि अच्छे से अच्छे ड्राइवर भी कई बार एक्सीडेन्ट के शिकार हो जाते हैं। क्योंकि हो सकता है कि आप ड्राइविंग के एक्सपर्ट हों पर सामने वाला भी अच्छा ड्राइवर हो ये कोई जरूरी नहीं है। क्योंकि एक संपूर्ण बीमा कवर आपको एक्सीडेन्ट सहित कई अन्य परेशानियों से भी सुरक्षित रखता है। ये आपकी कार को किसी दुर्घटना के साथ ही किसी भी प्रकार के नुकसान, चोरी और किसी प्राकृतिक या मानवीय आपदा से संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है।
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आपके द्वारा अगर व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी ली गई है, तो आपको उस दशा में कोई भुगतान नहीं किया जाएगा, जब आपकी कार का व्यावसायिक कार्यों में उपयोग के दौरान कोई नुकसान हो जाए। क्योंकि प्राईवेट कार इश्योरेंस आपकी कार को केवल पर्सनल उपयोग के दौरान ही कवर करता है, बिजनेस यूज के दौरान नहीं। इसके लिए आपको अपनी कार के लिए पैसेन्जर कार इंश्योरेंस लेना पड़ेगा। इसी तरह संपूर्ण कार इंश्योरेंस आपकी कार में रखे सामान को कवर नहीं करता। इसके इसलिए आपको अलग से सामान का बीमा करवाना होगा।
गाड़ी के खराब माइलेज की समस्या इन कारणों से तो नहीं
बीमा प्रीमियम पर आपके आर्थिक स्तर का भी असर देखने को मिलता है। क्योंकि बीमा कम्पनियां मानती हैं कि आपके इकोनॉमिक लेवल औऱ क्लेम मांगने में सीधा कनैक्शन होता है। क्योंकि ऐसा देखा गया है कि जो लोग आर्थिक रूप से ज्यादा समृद्ध होते हैं वे बीमा का दावा कम करते हैं। इसलिए कुछ कंपनियां तो अगर आपके पास अच्छा खासा पैसा है तो आपको स्पेशल छूट भी देती हैं। कुछ लोग तो ये भी मानते हैं कि उनकी पुरानी कार तो पहले ही इंश्योरेंस से कवर थी, तो फिर नई कार के लिए एक बार फिर से बीमा पॉलिसी लेने की क्या जरूरत है? जबकि ये गलत है। क्योंकि पुराना बीमा कवर केवल पुरानी कार के लिए था, नई कार के लिए नए इंश्योरेंस प्लान की जरूरत होगी। पुराने से काम नहीं चलेगा।
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