नई दिल्ली। नोटबंदी की समस्या को लेकर पीएम मोदी के 50 दिनों (30 दिसम्बर) के बाद परेशानी खत्म होने के वादे पर संकट मंडराता नजर आ रहा है। हफ्ते में बैंक से 24000 रूपए और एटीएम से 2500 रूपए विथड्रावल लिमिट को बढ़ाने का अभी सरकार का कोई इरादा नहीं है। अगर सरकार पैसो की विथड्रावल लिमिट को बढ़ाती भी है तो उसमें ज्यादा की उम्मीद नहीं की जा सकती। इससे यह बात साफ होती नजर आ रही है कि अगर लिमिट नहीं बढ़ी तो पैसों (नकदी)का संकट बरकरार रहेगा।
हालांकि 30 दिसंबर के बाद शुरुआती कुछ दिनों में एटीएम से विथड्रावल सीमा को पहले की तरह ही अधिकतम 2500 रूपए रखने पर विचार किया जा रहा है। सरकार ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में नए नोटों की उपलब्धता के आधार पर नए सिरे से हालात की समीक्षा करने की योजना बनाई है।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने माना कि फिलहाल नए नोटों की उपलब्धता उम्मीदों के अनुरूप नहीं हो पाई है।
चूंकि नए साल के पहले हफ्ते में सेलेरी आएगी। ऐसे में विथड्रावल लिमिट में कोई बड़ा बदलाव या रियायत की गुंजाइश नहीं है। हां, दूसरे हफ्ते में स्थिति की समीक्षा के बाद रियायत देने का फैसला किया जा सकता है।