जयपुर। प्राकृतिक ऊर्जा स्त्रोत के उपयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ट्रैफिक में तैनात एक हैड कांस्टेबल इन्द्राज गुर्जर ने एक अनूठा इनोवेशन करते हुए एक हाईब्रिड बाइक तैयार की है। वातवरण में घुलते वाहनों से निकलने वाले धुएं और पैट्रोल की खपत को कम करने के उद्देश्य से इस बाइक को प्रायोगिक तौर पर तैयार किया गया है। इस बाइक को इनोवेट करने वाले गुर्जर ने इसका नाम ''हाई ब्रिड मोटर साइकिल" रखा है।
जयपुर के ही विराटनगर विधानसभा क्षेत्र के कुहाड़ा गांव निवासी इन्द्राज गुर्जर ने समाचार जगत से इस अविष्कार के हर पहलू को साझा किया। गुर्जर ने बताया कि वे कुछ समय पहले इस बाइक को वडोदरा गुजरात में हुए एक स्विच समिट में प्रायोगिक तौर पर ले कर गए थे जहां इसमें कुछ और सुधार किए गए। जहां पर इनके इस प्रयोग की सराहना करते हुए लोगों ने बधाईयां दी थी।
इन्द्राज इसी बाइक से जयपुर से बडोदरा का 900 किमी सफर तय कर पहुंचे थे और आज जब वे इस बाइक को लेकर अपने घर से ड्यूटी प्वाइंट तक पहुंचते हैं तो सभी की आंखों इनकी इस अनोखी बाइक पर आ कर टिक जाती है। बहुत बार तो लोग उन्हें रूकने का इशारा करते हैं अपनी जिज्ञासा को शांत करते है।
इंद्राज बताते हैं कि जुनून के चलते एक साधारण सी बाइक को हाईब्रिड बनाने में उन्होंने 20 दिन और रात मेहनत की और करीब 20 हजार रुपए के खर्च करने के बाद यह प्रयोग सफल हुआ। उन्होंने बताया कि बाइक में छह बैट्री, एक मोटर पंखा, दो सौर पैनल (25-25 वॉट), छह सौर पैनल (एक-एक वॉट) के हैल्मेट पर लगाए हैं।
इन पैनल्स को बेहतरीन डिजायन और वायरिंग के जरिए आपस में जोड़ा गया है। इस बाइक की सबसे खास बात के बारे में जिक्र करते हुए इंद्राज ने बताया कि बाइक को पेट्रोल के अलावा सोलर पावर, विंड पावर, बेक्र पावर, एयर सस्पेंशन पावर और रिवर्स पावर से भी चलाया जा सकता है। एक मौके पर अगर बाइक में पेट्रोल या बैटरी बिल्कुल शून्य हो तो भी इसे बिना स्टार्ट किए करीब तीन किमी तक चलाया जा सकता है।
इंद्राज इसे ज्यादातर दिन में सोलर पावर से ही चलाना पसंद करते हैं। खुद के हाथों से बाइक के मोडिफिकेशंस करने वाले इंद्राज ने बताया कि इस बाइक में रिवर्स सिसटम भी है, जो इस उल्टा भी चलाने में सक्ष्म है।
हर एनर्जी को कन्वर्ट करने में सक्षम
इंद्राज बताते हैं कि इस बाइक की खूबियां इतनी हैं कि हैरान कर देने वाली हैं। हर एक सिस्टम को इस हिसाब से इंटिग्रेटड किया गया है कि बाइक के चलने से लेकर ब्रेक लगाने तक जितनी भी ऊर्जा बनती हैं वह ऑटोमेटिक बाइक में लगी बेंट्री बेकअप में इकट्ठी हो जाती है। इस बाइक के दोनों टायरों में एक ऑल्टिनेटर लगाया गया है। जो ब्रेक लगने पर बिजली बनाता है। बाइक के सामने स्पीडों मीटर की जगह पर एक पंखा लगाया गया है जो विंड एनर्जी की तर्ज पर काम करता है।
इंद्राज ने बाइक से 5 तरीको से पैदा होने वाली एनर्जी को सेव करने के लिए एक बेहतरीन वायरिंग सिस्टम भी तैयार किया है जो बाइक की डिग्गी और सीट के नीचे लगी बैट्रीयों को चार्ज करता है।
विशेष हैलमेट जो धूप से बनाता पावर
इन्द्राज ने हैलमेट पर छह सोलर पैनल लगा रखे है। जो करीब 12 वोल्ट तक की बजली पैदा करने में सक्षम है। जिसे वह एक तार के जरिए बाइक से जोड़ कर रखते है।
इनोवेश्न के लिए मिला इनाम
इन्द्राज ने बताया कि साल-2012 में पैसेफिक सैन्टर फॉर इंस्टिट्यूशन टैकनोलॉजी की ओर से ''एन्टी थैफ्ट सिस्टम फॉर फोर व्हीलर" बनाने के लिए उन्हें एक लाख रुपए का इनाम भी मिल चुका है। कार को चोरी होने से बचाने के लिए देश और विदेश में इस तरह का कोई भी उपकरण आज तक नहीं मिला है जो इंद्राज ने बनाया है। इसके अलावा इंद्राज मवेशियों से भी बिजली बनाने के इनोवेशन के लिए सम्मानित किए जा चुके है।
ब्यूरो रिपोर्टः ईशांत वशिष्ठ, विक्रम सिंह