बौद्ध। कहते है कि ये इंसान का धर्म है कि वह किसी की खुशी में शामिल हो ना हो पर किसी के दुख में शामिल होने के लिए उसे हमेशा तैयार रहना चाहिए। इस दुख की घड़ी में अगर कोई किसी व्यक्ति की मदद के लिए आता है तो वह उसके लिए भगवान से कम नहीं होता। लेकिन तब क्या हो जब मुसीबत के समय सब लोग आपसे मुहं मोड़ ले।
पति-पत्नी के बीच हुए मामूली विवाद के बाद व्यक्ति ने उठाया ये कदम
कुछ ऐसा ही मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है ओडिसा के बौद्ध जिले में। यहां एक व्यक्ति की साली की मौत के बाद किसी ने भी उस व्यक्ति की मदद नहीं की जिस कारण उसे अपनी साइकिल पर साली के शव को अंत्येष्टी के लिए श्मशान तक ले जाना पड़ा। मीडिया रिपोट्र्स से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस दौरान कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया, जिसके चलते वह अपनी साली के शव को साइकिल पर ले जाने को मजबूर हो गया।
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मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार बताया जा रहा है कि ये घटना जिले के कृष्णपाली गांव की है। जहां 60 साल के चतुरभुजा बांका को अपनी साली पंचा महाकुड (40) के शव को अपनी साइकिल से बांधकर श्मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि बांका की पत्नी और साली को डायरिया होने पर बौद्ध के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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उन्होंने बताया कि कल साली की मौत होने पर उसका शव राज्य सरकार की एक योजना के तहत एंबुलेंस में गांव लाया गया। आरोप है कि महिला के शव को अंत्येष्टि की खातिर ले जाने के लिए कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया क्योंकि दूसरी जाति की एक महिला से दूसरी बार शादी करने पर वह समाज द्वारा अघोषित बहिष्कार का सामना कर रहा था। हालांकि, अधिकारियों ने इन आरोपों से इंकार किया है।