मुंबई। मनोज बाजपई की फिल्म 'सात उचक्के' जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसे भी नहीं बख्शा। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास करने में सात महीने लगा दिए। जबकि फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों को पहले से ही हटा दिया गया है। सेंसर बोर्ड के इस रवैये से मनोज बाजपई नाराज़ दिख रहे हैं।
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एक इंटरव्यू में मनोज बाजपई ने इस बारे में चिंता जातन्ते हुए कहा के श्याम बेनेगल की अध्यक्षता समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को जल्द लागू किया जाना चाहिए ताकि निर्माताओं को चैन की सांस मिले।
दरअसल सात उचक्के के कुछ सीन में जरुरत से ज्यादा गाली होने के कारण सेंसर बोर्ड को फिल्म को पास करने में सात महीने का समय लग गया। यहाँ तक कि फिल्म के ट्रेलर के लिए जारी किये गए इनविटेशन में ही कई जगह बीप लगाए गए थे।
मनोज के मुतबिक जहां तक हमारी फिल्म 'सात उचक्के' की बात है तो सेंसर बोर्ड के हालिया रुख को समझते हुए हमारी टीम ने पहले ही आपत्ति जनक दृश्यों और डायलॉग्स को हटा दिया।"मनोज कहते हैं "सेंसर बोर्ड को समय के साथ बदलना चाहिए लेकिन बोर्ड तो और भी निरंकुश होता जा रहा है। मुझे लगता है फ़िल्म 'बैंडिट क्वीन' से लेकर अब तक बोर्ड के नज़रिए में कोई ख़ास बदलाव नहीं आया, जबकि ज़माना तेजी से काफ़ी आगे बढ़ गया।"
मनोज ने बताया की फ़िल्ममेकर और सेंसर बोर्ड के बीच जो वैचारिक विवाद लगातार कई सालों से चल रहा है, उसे दूर करना बेहद जरूरी है।"
फ़िल्म 'सात उचक्के' मनोज के साथ विजय राज, केके मेनन, अनुपम खेर, अनु कपूर, अदिति शर्मा जैसे कलाकार भी अहम् भूमिकाओं में हैं। फिल्म 14 अक्टूबर को रिलीज़ होगी।