इन्टरनेट डेस्क। क्या आपको पता हैं हर एक महीने में टूथपेस्ट की ब्रांड बदलना कितना भारी पड़ सकता हैं। कई टूथपेस्ट ऐसे होते हैं जो दांतो को नुकसान पहुचते हैं। अगर आप हर महीने दूसरा टूथपेस्ट का इस्तेमाल करती हैं तो आपके दांतों की कैविटी हटाना बहुत मुश्किल हो जाता हैं।
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कई लोग तो विज्ञापनों के तौर पर अपना टूथपेस्ट को बदलते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दांतों की सफाई में टूथपेस्ट का रोल बहुत कम होता है और कोई भी टूथपेस्ट का इस्तेमाल करो किसी में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, सारे टूथपेस्ट एक जैसे होते हैं।
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक टूथपेस्ट में लगभग डाले गए तत्व एक ही होते हैं जो दांतों की सफाई करते हैं। खास बात यह है कि आप सही तरीके से नियमित ब्रश करते हैं या नहीं। हर टूथपेस्ट में एब्रेसिव, फोमिंग, कलरिंग व स्वीटनिंग एजेंट करीब-करीब एक जैसे होते हैं। अपना टेस्ट व फ्लेवर अलग-अलग रखने के लिए कंपनियां अलग-अलग फ्लेवरिंग एजेंट डाल देती हैं। वही दांतों को सफ़ेद रखना हैं तो नियमित रूप से दिन में तीन बार ब्रश करना चाहिए। एक सुबह उठने के बाद इससे आपके मुँह की गंद बहार निकलती हैं, दूसरा दिन में अगर आपके पास समय हैं तो खाने के बाद करे इससे मुहं में जमा हुआ खाना बहार निकल जाये और तीसरा रात में सोने से पहले। आपको बता दे की रातभर सोने से मुहं बन्द रहता हैं अगर आप रात को ब्रश नहीं करते हैं तो यह कैविटी जमा सकता हैं।
सीनियर चिकित्सकों का कहना हैं की दांतों की सफाई में टूथपेस्ट की भूमिका 5 से 10 फीसदी ही होती है। 90 से 95 फीसदी काम ब्रश ही करता है।
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