चैत्र नवरात्रों में पूरे विधि-विधान से माता दुर्गा की पूजा और व्रत किया जाता है। इन दिनों में माता के अनेक नामों का पाठ किया जाता है, नवरात्र के प्रत्येक दिन माता का रूप और वाहन अलग-अलग होते हैं। शास्त्रों में माता दुर्गा के अनेक वाहन बताए गए हैं, नवरात्र के प्रारंभ में माता जिस वाहन पर आती हैं और नवरात्र के अंतिम दिन जिस वाहन से प्रस्थान करती हैं उसका शास्त्रानुसार बहुत महत्व होता है।
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देवी पुराण के अनुसार माता के आगमन का वाहन- रविवार व सोमवार को हाथी, शनिवार व मंगलवार को घोड़ा, गुरुवार व शुक्रवार को पालकी, बुधवार को नौका होता है। वहीं प्रस्थान के लिए वाहन रविवार व सोमवार को भैंसा, शनिवार और मंगलवार को सिंह, बुधवार व शुक्रवार को गज या हाथी होता है।
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इस बार चैत्र नवरात्र के प्रारंभ में माता का आगमन नौका या नाव से हुआ और माता हाथी पर बैठकर प्रस्थान करेंगी। ये दर्शाता है इस बार माता का आगमन व गमन जनजीवन के लिए हर प्रकार की सिद्धि देने वाला है।
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