हर फल की है अपनी खासियत जाने कौन से फल के रस से दूर होती है कौन सी बीमारी  

Samachar Jagat | Sunday, 23 Oct 2016 09:18:38 AM
which fruit juices is use for fight health problem

आप शायद इस बारे में न जानते हों लेकिन ज्यादातर बीमारियों से बचने के उपाय आपके किचन में ही मौजूद हैं। अनजाने में आपके किचन में कई ऐसे फल और सब्जियां मौजूद रहती हैं जो कई तरह की बीमारियों से निजात दिलाने में सक्षम हैं।आपको ऐसे ही फल और सब्जियों के रसों के बारे में बताने जा रहा है जो कई तरह की बीमारियों से आपको छुटकारा दिला सकता है।

ये रस काफी आसानी से उपलब्ध हैं बस किस बीमारी के लिए कौन सा रस कैसे इस्तेमाल करना है ये जानना बेहद ज़रूरी है...
जानिए कौन सी बीमारी में काम आएगा कौन सा रस:
1. पीलियाः
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी का जूस। अंगूर नहीं हैं तो लाल मुनक्के और किसमिस का पानी। इसके अलावा गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। साथ ही केले में 1।5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें तो फायदा होगा।
2. रक्तशुद्धिः
आपका रक्त अगर ठीक से शुद्ध नहीं हो पाटा तो ये कई गंभीर बीमारियों की जड़ बन जाता है। इससे बचने के लिए आपको नींबू, गाजर, गोभी, चुकन्दर, पालक, सेब, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस इस्तेमाल कर सकते हैं। बेल का रस तो पेट से जुड़ी सभी बीमारियों के लिए भी उत्तम माना जाता है।
3. दमाः
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर का रस या भाजी का सूप या फिर मूंग की दाल का सूप दम के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है। इसके आलावा बकरी का शुद्ध दूध भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। बता दें कि घी, तेल, मक्खन दमा के मरीजों के लिए वर्जित है।
4. हाई ब्लड प्रेशर:
हाई ब्लड प्रेशर रहता है तो गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस इस्तेमाल करने से फायदा पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर के लिए मानसिक और शारीरिक आराम भी बेहद आवश्यक है।
5. लो ब्लड प्रेशर:
मीठे फलों का रस इस्तेमाल करें लेकिन खट्टे फलों का उपयोग बिलकुल नहीं करना चाहिए। अंगूर और मोसम्मी का रस या फिर दूध भी लाभदायक है।
 6.भूख नहीं लगने पर:
अगर आपको भूख न लगने या कम भूख लगने की समस्या है तो आपको सुबह उठकर नींबू पानी पीना चाहिए। इसके आलावा खाने से पहले अदरक को पीसकर सेंधा नमक के साथ खाने से भी ये समस्या दूर हो जाती है।
7. मुहांसों के दागः
गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी और पालक का रस पीयें।
8. एसीडिटीः
गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अंगूर मोसम्मी और दूध भी लाभदायक है।
9. कैंसरः
गेंहूं के हरे ज्वारे के साथ गाजर और अंगूर का रस काफी काम आता है।
10. सुन्दर बनने के लिएः
सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें।
11. कोलाइटिसः
गाजर, पालक और पाइनेपल का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस। चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है।
12. अल्सरः
अंगूर, गाजर, गोभी का रस। केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है। सर्दी-कफः मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूंग अथवा भाजी का सूप।
13. ब्रोन्काइटिसः
पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, मूंग का सूप। स्टार्चवाली खुराक वर्जित।
14. ब्लड काउंट बढ़ाने के लिएः
मोसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, चुकन्दर, सेव, रसभरी का रस रात को। रात को भिगोया हुआ खजूर का पानी सुबह पीयें। इलायची के साथ केले भी उपयोगी हैं।
15. पीरियड्स से संबंधित परेशानियां:
अंगूर, पाइनेपल और रसभरी का जूस सबसे फायदेमंद।
 
16. बवासीरः
मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर।
17. अनिद्राः
अंगूर और सेव का रस। पीपरामूल शहद के साथ।
18. वजन बढ़ाने के लिएः
पालक, गाजर, चुकन्दर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही, सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस।
19. डायबिटीजः
गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस।
20. पथरीः
पत्तों वाली भाजी न लें। ककड़ी का रस श्रेष्ठ है। सेब और गाजर या कद्दू का रस भी सहायक है। जौ एवं सहजने का सूप भी लाभदायक है।
21. सिरदर्दः
ककड़ी, चुकन्दर, गाजर, गोभी और नारियल के रस का मिश्रण।
22. किडनी का दर्दः
गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस।
23. वजन घटाने के लिएः
पाइनेपल, गोभी, तरबूज का रस, नींबू का रस।
24. पायरियाः
गेंहूं के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सुआ की भाजी का रस। कच्चा अधिक खायें।
25. आंखों की रोशनी के लिए:
गाजर का रस और हरे धनिया का रस श्रेष्ठ है।
डिब्बेपैक फलों के रस से बचें

बंद डिब्बों का रस भूलकर भी उपयोग में न लें। असल में उसमें बेन्जोइक एसिड होता है। यह एसिड तनिक भी कोमल चमड़ी का स्पर्श करे तो फफोले पड़ जाते हैं और उसमें उपयोग में लाया जानेवाला सोडियम बेन्जोइक नामक रसायन जहरीला होता है। ये सभी रसायन फलों के रस, कन्फेक्शनरी, अमरूद, जेली, अचार आदि में प्रयुक्त होते हैं।


बाजार में बिकता ताजा 'ओरेन्ज' कभी भी संतरा-नारंगी का रस नहीं होता। 'फ्रेशफ्रूट' के लेबल में मिलती किसी भी बोतल या डिब्बे में ताजे फल और उनका रस कभी नहीं होता। उसमें चीनी, सैक्रीन और कृत्रिम रंग ही प्रयुक्त होते हैं जो आपके दांतों और आंतों को नुक्सान पहुंचा कर कैंसर को जन्म देते हैं। शाकभाजी के डिब्बों को बंद करते समय शाकभाजी के फलों में जो नमक डाला जाता है वह साधारण नमक से 45 गुना अधिक हानिकारक होता है।



 

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