नई दिल्ली। 5000 से 5500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम स्वदेशी मिसाइल अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सफल परीक्षण किया गया। ये मिसाइल परमाणु क्षमता से लैस है और उत्तरी चीन और पाकिस्तानी सीमा के लक्ष्यों को भेद सकती है। अग्नि-5 मिसाइल जब सेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा तो भारत इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टकि मिसाइल रखने वाले सुपर एक्सक्लूसिव क्लब में शामिल हो जाएगा। अभी इस क्लब में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन ही हैं।
इंटर कॉन्टिनेंटल बैलास्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता 5000-5500 किलोमीटर से ज्यादा होती हैं। लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का यह चतुर्थ विकासात्मक और दूसरा कैनिस्टराइज्ड परीक्षण है। पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 को इसे ठिकाने से किया गया था।
जानें-कुछ खास बातें
-अग्नि-5 अग्नि सीरीज की मिसाइलें हैं जिन्हें डीआरडीओ ने विकसित किया है।
-पृथ्वी और धनुष जैसी कम दूरी तक मारे करने में सक्षम मिसाइलों के अलावा भारत के बेड़े में अग्नि-1, अग्नि-2 और अग्नि-3 मिसाइलें हैं। इन्हें पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
-डीआरडीओ इस मिसाइल की सही मारक क्षमता पर बहुत कुछ नहीं बोलता लेकिन इतना जरूरत बताता है कि यह 5500 से 5800 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
-अग्नि-4 और अग्नि-5 मिसाइलों को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
-अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है।
- इसका वजन 50 टन और यह डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है।
- इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है।